October 27, 2025

मध्य प्रदेश : मामा, चाचा के बाद अब हुई दादा की एंट्री

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dada

Updated on: August 22, 2023

भोपाल: जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, ठीक वैसे-वैसे राज्य की राजनीति भी गहराती हुई नजर आ रही है। राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए अपने हर दांव पेंच अजमाते नजर आ रहे हैं। बता दें कि राज्य में मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान के सामने अब न केवल चाचा है बल्कि सामने दादा आ गए हैं। हाल में ही अभी दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल की राज्य में एंट्री से चाचा शब्द सामने आ गए हैं, तो वहीं अब कांग्रेस की ओर से भी एक नया शब्द ला दिया गया है। कांग्रेस ने अपने एक बड़े नेता को दादा करार कर दिया है।

नामों के सहारे मिलेंगे वोट?

बता दें कि कांग्रेस अपने “दादा” के राजनीतिक गुण से चुनाव में दोनों को परास्त करने को बात कह रही है। अब राज्य में सत्ता भाजपा की है ऐसे में प्रदेश की जनता के बीच मामा के नाम से मशहूर सीएम शिवराज सिंह से मुकाबले के लिए अरविंद केजरीवाल ने खुद को चाचा बता दिया। बीते दिन केजरीवाल ने एक जनसभा में कहा कि मैंने सुना है यहां एमपी में मामा है, आप उनको भूल जाओ अब चाचा आ गया है। अब चाचा स्कूल-कॉलेज खोलेगा।

“कई योजनाओं ने शिवराज को बनाया मामा”

बता दें राज्य में सबसे लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘मामा’ के नाम से जाने जाते हैं और शिवराज इसका हर बार जनता से संवाद के दौरान बकायदा ज़िक्र भी करते रहते हैं। वो चाहे लाड़ली लक्ष्मी कन्यादान योजना और अब लाडली बहना योजना हो या भी कुछ और वो इन्हीं योजनाओं के चलते राज्य की आधी आबादी के बीच मामा के नाम से मशहूर हो चुके हैं। वहीं, माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर वो बुलडोजर मामा भी कहलाने लगे हैं।

कांग्रेस ने इन्हें बताया दादा

बता दें कि 18 सालों से राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा के “मामा” और दिल्ली, पंजाब के जरिए मध्य प्रदेश की सत्ता में सेंध लगाने की कोशिश करती आप के “चाचा” के तौर पर एमपी के राजनीतिक परिदृश्य में उभरते ही लंबे समय से सत्ता की बाट जोह रही कांग्रेस कैसे पीछे रहती, लिहाजा 80 साल के होने जा रहे कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कमलनाथ को परिवार के मुखिया की तरह “दादा” बता दिया।

विपक्ष का हिस्सा होने का बाद भी केजरीवाल करते हैं हमला

भले ही अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप I.N.D.I.A के साथ है लेकिन केजरीवाल चाहे छत्तीसगढ़ हो या पंजाब कांग्रेस पर हमला करना नहीं भूलते। एमपी की धरती पर कदम रखते ही केजरीवाल ने कहा कांग्रेस और भाजपा दोनों को भूल जाओ आप को एक मौका दो। जाहिर है कमलनाथ को केजरीवाल का हमला पसंद नहीं आया उन्होंने कहा केजरीवाल को यह नहीं करना चाहिए। ऐसे में जबकि चुनावी समर में गारंटियों का ब्रह्मास्त्र चल रहा है, मामा के बाद चाचा और चाचा के बाद दादा। ये नाम विधानसभा चुनाव में कितना असर डालेगा ये बड़ा सवाल है।

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