MP Nursing College Scam: नर्सिंग घोटाले का मुद्दा उठाने वाले रवि परमार को जान का खतरा

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भोपाल. नर्सिंग घोटाले का मुद्दा उठाने वाले रवि परमार ने अपनी जान का खतरा बताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इसे लेकर एक पत्र भी लिखा है. इसके साथ ही उन्होंने सीएम से मुलाकात के लिए समय भी मांगा है. रवि परमारा का कहना है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात कर नर्सिंग घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य सौंपना चाहता हूं. मैं चाहता हूं शिक्षा माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए. मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को स्वच्छ बनाया जाना चाहिए. नर्सिंग घोटाले में कई बड़े शिक्षा माफिया और अधिकारी शामिल हैं. रसूखदार लोग मेरे खिलाफ षडयंत्र कर मेरी हत्या और झूठे प्रकरण दर्ज करवा सकते हैं.
बता दें कि नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े को लेकर मध्य प्रदेश में जमकर सियासत हो रही है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस घोटाले की जांच जिन सीबीआई अधिकारियों को दी गई थी वे ही रिश्वत लेकर कॉलेजों को क्लीन चिट दे रहे थे. इतन ही नहीं मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने भी उन कॉलेजों को बेहतर संस्थानों में शामिल कर दिया जिनके संचालक पहले से ही जांच एजेंसी की रिमांड पर हैं.
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि नर्सिंग फर्जीवाड़े की शुरुआत करीब 4 साल पहले 2020 में हुई. 2019 तक प्रदेश में 450 नर्सिंग कॉलेज रजिस्टर थे. 2020 में कोरोना काल आ गया. इस दौरान 2020 से 2022 तक 200 नए नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत हुए. यहीं से इन कॉलेजों को लेकर कुछ लोगों को संदेह होने लगा. इन लोगों ने सभी कॉलजों की अपने स्तर पर जांच की. इस जांच के बाद उन्होंने साक्ष्य जुटाकर अदालत में याचिकाएं दायर कर दीं.
जबलपुर में वकील विशाल बघेल और ग्वालियर में वकील दिलीप शर्मा ने कोर्ट में ये याचिकाएं लगाईं. इन याचिकाओं को सुनने के बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी. सीबीआई ने पहले चरण में प्रदेश के 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों में से करीब 308 कॉलेजों की जांच की. इसमें सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को सूटेबल यानी पूर्ण, 66 कॉलेजों को अनसूटेबल यानी अपूर्ण कैटेगरी में रखा. जबकि, 73 कॉलेजों को अनुपयुक्त बता दिया. इन सभी कॉलेजों में एक लाख से ज्यादा छात्रों ने एडमिशन लिया था.