Eid al-Adha 2024: बकरीद को लेकर भोपाल में गाइडलाइन जारी, इन बातों का रखना होगा ध्यान

Last Updated: Jun 16, 2024,
Guidelines Regarding Eid al-Adha 2024: बकरीद यानी ईद-उल-अजहा (Eid al-Adha 2024) का त्योहार देशभर में 17 जून 2024 को मनाया जाएगा. इस मौके पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कुर्बानी के लिए नगर निगम ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जारी गाइडलाइन के अनुसार (कुर्बानी) पशु वध के लिए प्रशासन ने 43 स्थानों को चिन्हित किया है. इसके साथ ही पशु वध का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं किया जा सकेगा. और शाम 4 बजे तक ही कुर्बानी दी जा सकेगी.
करना होगा इन नियमों का पालन
- पशु वध स्थल को चारों तरफ से ढका होना चाहिए.
- तंबू लगाकर कुर्बानी नहीं होगी.
- सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए.
- पशु वध का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड न करें.
- प्रतिबंधित पशुओं का वध न करें.
- पशु वध के बाद मांस को ढककर घर ले जाएं.
- शाम 4 बजे के बाद पशु वध नहीं किया जा सकेगा.
- पशु वध स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखें.
बता दें कि मुस्लिम धर्म में बकरीद या ईद-उद-अजहा का त्यौहार बहुत ही ज्यादा खास माना जाता है. इस दिन कुर्बानी का काफी महत्व होता.माह-ए-जिलहिज्ज यानी इस्लामिक कैलेंडर का 12वां और आखिरी महीना होता है. जो जु अल कादा के बाद आता है. इस्लाम धर्म के लिए ये महीना काफी खास माना जाता है. इसी महीने हज जैसी पवित्र तीर्थयात्रा पर लोग जाते हैं और कुर्बानी दी जाती है.
ईद और बकरीद में अंतर?
इस्लामिक साल में 2 ईद मनाई जाती है. जिनमें एक ईद-उल-जुहा और दूसरी ईद-उल-फितर. ईद-उल-फितर को मीठी ईद कहा जाता है. इसे रमजान को खत्म करते हुए मनाया जाता है. लोग इस दिन एक दूसरे के गले भी मिलते हैं. मीठी ईद के बाद ही करीब 70 दिन बाद बकरा ईद मनाई जाती है. इस्लामिक मान्यता के मुताबिक पैंगबर हजरत इब्राहिम के समय ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी.