यह है मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी आध्यात्मिक परियोजना , CM मोहन यादव ने बताया प्लान

Last Updated: Jun 21, 2024,
Ram Van Path Gaman: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद सीएम मोहन यादव लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. शुक्रवार को वह ‘राम वन गमन पथ’ को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे, जिसमें कुछ अहम फैसले हो सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि मोहन सरकार प्रदेश की सबसे बड़ी आध्यात्मिक परियोजना श्री राम वन गमन पथ पर फिर से ध्यान केंद्रित करेगी. इसके अलावा कुछ अहम प्रस्तावों पर भी चर्चा हो सकती है.
स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाया जाएगा पाठ
सीएम मोहन यादव ने बताया कि ‘राम वन गमन पथ’ के अलावा प्रदेश सरकार कई और कामों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. अब प्रदेश के स्कूल और कॉलेज में भी भगवान श्री राम और कृष्ण का पाठ पढ़ाया जाएगा. क्योंकि बच्चों और छात्रों को राम और कृष्ण की राह बतानी जरुरी है. इसलिए जल्द ही प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में श्री राम और कृष्ण का पाठ पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा.
‘तीर्थ स्थल विकसित होंगे’
सीएम मोहन यादव ने कहा ‘मध्य प्रदेश सरकार ने राम गमन पथ और श्री कृष्णा पथ गमन अपने हाथ में लिए हैं, भगवान राम और कृष्ण किन-किन स्थान पर गए उन प्रत्येक स्थान को चिन्हिंत करके उन्हें तीर्थ स्थल को विकसित करने का सरकार ने फैसला लिया है. सीएम ने कहा कि हमारे घोषणा पत्र में भी है हम इस पर काम कर रहे हैं. भगवान कृष्ण और राम के जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग के कोर्सों में राम और कृष्णा को पढ़ाया जाएगा.’ हमारे घोषणा पत्र में जो भी विषय शामिल थे, उन सभी पर सरकार लगातार काम कर रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि ‘राम वन गमन पथ’ अब फिर से रफ्तार पकड़ सकता है.
इन जिलों का हो चुका है चयन
मोहन सरकार ने ‘राम वन गमन पथ’ के लिए पहले ही कुछ जिलों की चयन कर लिया था. प्रदेश के दस जिलों सतना, विदिशा, होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, पन्ना, उमरिया और रीवा का चयन राम वन गमन पथ के लिए किया गया है. इन स्थानों पर भगवान श्रीराम से जुड़े जो भी तीर्थ स्थल हैं उन्हें विकसित करने का काम किया जाएगा. इसके लिए सर्वे भी शुरू हो चुका है. पिछली सरकारों में भी इस मुद्दे पर काम हुआ है. लेकिन पिछले एक दशक से इस पथ के निर्माण के काम में कई तरह के मामले अटक जाते हैं.
सीएम मोहन यादव ने पहले भी ‘श्री राम वन पथ गमन’ को लेकर समीक्षा की थी. लेकिन फिर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद बैठकें नहीं हो पाई थी. लेकिन अब फिर से इस दिशा में उन्होंने अधिकारियों को काम करने के निर्देश दिए हैं.