MP: यहां है मैया यशोदा का मंदिर, पूरी होती है संतान की कामना

August 26, 2024,
इंदौर: देशभर में आपने राधा-कृष्ण या बहुत से कृष्ण मंदिर देखे होंगे. कृष्ण-रुक्मिणी का मंदिर भी देखा होगा. लेकिन, क्या आपने मैया यशोदा का मंदिर देखा है? मान्यता के अनुसार, मैया रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया था, लेकिन उनको पाला मैया यशोदा ने था. इस मान्यता के आधार और एक अनोखी सोच के कारण इंदौर में यशोदा माता का मंदिर बनाया गया है. जहां महिलाएं खासतौर से अपनी सूनी गोद को भरने की मन्नत लेकर आती हैं.
इंदौर के होलकर राजवाड़ा महल के पीछे यशोदा माता का मंदिर है. करीब 232 साल पहले इस मंदिर को मिट्टी, लकड़ी और पत्थर से बनवाया गया था. यहां महिलाएं अपनी सूनी गोद को भरने की मन्नत लेकर हैं. कामना पूरी होने पर मां यशोदा को श्रृंगार चढ़ाती हैं. देश में एकमात्र यशोदा माता का मंदिर इंदौर में है, जहां मैया यशोदा कान्हा को अपनी ममता की छाया में समेटे हुए हैं. उनकी प्रतिमा मनमोह लेती है.
45 दिन में जयपुर से आई थी प्रतिमा
मंदिर में यशोदा मैया की गोद में बाल रूप श्रीकृष्ण विराजे हैं. पंडित मनीष दीक्षित बताते हैं कि परिवार के बुजुर्ग सदस्य ने इस मंदिर की स्थापना की थी. उस समय जयपुर में मूर्ति बनवाई गई थी. इंदौर से बैलगाड़ी लेकर उनके परदादा जयपुर गए थे और वहां से मूर्ति लेकर आए थे. इस मूर्ति को इंदौर लाने में 45 दिन लगे थे. यहां गोद में कन्हैया को खिलाते हुए यशोदा मैया की प्रतिमा है. फिर नंदबाबा की मूर्ति आई. बाद में राधा-कृष्ण और फिर दाई मां की मूर्ति की स्थापना भी की गई. खास बात ये कि यहां यशोदा माता की प्रतिमा बड़ी है और नंद बाबा की छोटी, यानी मां को दुनिया में सबसे बड़ा बताया गया है.
जन्माष्टमी पर विशेष पूजन
बृहस्पतिवार को यहां खास तरह की पूजा होती है, जिसमें चावल, नारियल और अन्य पूजा की सामग्री से मां यशोदा की गोद भरी जाती है. ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि मां यशोदा महिलाओं की सूनी गोद को कृष्ण जैसे पुत्र देकर भर दें. जन्माष्टमी पर भी दूर-दूर से आई महिलाएं मैया की गोद भरेंगी. तीन दिन तक खास कार्यक्रम होगा. इसकी शुरुआत सुबह दुग्धाभिषेक से होगी. यहां रोजाना मैया यशोदा का साज-श्रृंगार होता है. इनके अलावा मंदिर में नंदबाबा, राधा-कृष्ण और कई मूर्तियां हैं. इनके साथ ही दाई मां भी हैं.
कहां है मंदिर, कैसे पहुंचें
यशोदा मैया का मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर में राजवाड़ा के पीछे यानी खजूरी बाजार इलाके में है. अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट से करीब 9 किमी की दूरी पर यह मंदिर पड़ता है. वहीं इंदौर जंक्शन से मंदिर की दूरी करीब 3 किमी है. साथ ही सड़क मार्ग से श्री यशोदा माता मंदिर तक आने के लिए आपको राजवाड़ा पीछे से करीब 200 मीटर का सफर तय करना होता है.