September 11, 2025

दान कर दी 60 करोड़ की जमीन, कौन हैं ये शख्स? जिन्हें लोग कह रहे ‘बुंदेलखंड का भामाशाह

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सागर: बुंदेलखंड के सागर में एक जैन परिवार ने 60 करोड़ की 38 एकड़ जमीन दान कर दी है. इस परिवार के फैसले को सुनकर लोग उन्हें बुंदेलखंड के दानवीर भामाशाह की उपमा दे रहे हैं. दान की गई बेशकीमती जमीन पर शिक्षा तीर्थ और जैविक बीज संरक्षण केंद्र आकार लेगा. शहर के लक्ष्मीपुरा दत्त मंदिर के पास रहने वाले 74 वर्षीय राजकुमार जैन ने अपने परिवार की सहमति से 22 साल पहले खरीदी जमीन का दान पत्र लिख दिया है. इसे ब्रह्मलीन आचार्य विद्यासागर महाराज के परम प्रतापी शिष्य सुधा सागर महाराज को अर्पित कर दिया है. अब उन्हीं के सानिध्य में आगे का पूरा काम यहां चलेगा.

गुरु की वसीयत आप ही संभालें 
राजकुमार जैन ने Local 18 को बताया कि उन्होंने अपने माता-पिता की स्मृति में 5 दिसंबर को 22 साल पहले खरीदी जमीन का दान पत्र लिख दिया है. 1998 में विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से इसको करने का सोचा था. साल 2001 में जमीन खरीदी थी. उन्हीं के सानिध्य में यहां पर काम चल रहा था. लेकिन, उनकी समाधि हो गई. तब उनके परम प्रतापी शिष्य निर्पायक मुनि सुधा सागर महाराज के दर्शन कर चरणों में निवेदन किया, आपके गुरु के निर्देशन में काम चल रहा था यह आपके गुरु की वसीयत है, अब आप ही संभालिए.

ट्रस्ट के नाम पर दान पत्र लिखा 
1 जनवरी 2025 को सुधा सागर महाराज द्वारा इस जमीन का भूमि पूजन किया जाएगा. इसकी तैयारियां भी लगभग पूरी हो गई हैं. इस भूमि की रजिस्ट्री श्री दयोदय-निलय-विद्या निकेत कस्तूर वन कनेरा के नाम से की गई है. इसी नाम से ट्रस्ट का गठन किया गया है.

पहले भी 8 एकड़ जमीन दान कर चुके 
राजकुमार जैन और सुधा जैन के दो बेटे निलेश जैन और नितिन जैन हैं, इनकी एक बेटी, दो बहुएं और तीन नाती हैं. राजकुमार जैन भी पांच भाई हैं. जब छोटे थे, तब उनके पिता करैया गांव से सागर आए थे. यहां बरियाघाट वार्ड में किराए पर रहते थे. बाद में 1986 में राजकुमार जैन ने सागर संभाग की पहली कृषि कीटनाशक की फैक्ट्री शुरू की थी. इसका अच्छा काम चल पड़ा था. इसके बाद से लगातार ही उन्होंने समाज हित में काम किए. राजकुमार जैन पर आचार्य विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद भी था. साल 1998 में 8 एकड़ जमीन खरीद कर गौशाला के लिए दान की थी. राजकुमार ने बताया, भूमिपूजन के बाद एक कोहा के पेड़ के नीचे बैठे थे, तब विद्यासागर महाराज ने तीर्थंकर उद्यान की जमीन को लेकर चर्चा की थी, उसी समय संकल्प ले लिया था.

26 साल पहले लिया था संकल्प 
राजकुमार जैन ने संकल्प लिया और अंबेडकर वार्ड के कनेरा देव में पहाड़ी पर 38 एकड़ जमीन खरीदी थी. कहा, कुछ कानूनी समस्याएं भी आईं, लेकिन वह दूर हो गईं, करीब 20 साल तक इस जमीन को ठीक-ठाक कराया. इसके बाद सुधा सागर महाराज से विनती करके अपने संकल्प को बताया. उन्होंने स्वीकृति दी, जिसके बाद यह दान पत्र लिखा गया.

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