MP: 100 साल पुराना राम मंदिर, यहां अयोध्या की तरह हनुमानगढ़ी
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खरगोन. अयोध्या के अलावा देश के सभी मंदिरों सहित मध्य प्रदेश के खरगोन में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव 6 अप्रैल 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा. लेकिन, जिले की धार्मिक एवं पवित्र नगरी मंडलेश्वर के लगभग 100 साल पुराने राम मंदिर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (गुड़ी पड़वा) से ही उत्सव प्रारंभ हो गए हैं. यहां हर दिन अलग-अलग आयोजन किए जा रहे हैं, जबकि, रामनवमी पर भव्य चल समारोह भी निकलेगा. इसमें एमपी के विभिन्न जिलों सहित महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु शिरकत करेंगे.
मंदिर के पुजारी शांतनु मोडक ने बताया कि उनके दादा भीमराव विष्णु मोडव और श्री सद्गुरु गोंदवलेकर महाराज (महाराष्ट्र) के शिष्य तात्यासाहेब केलकर के सानिध्य में जन सहयोग से इस मंदिर का निर्माण हुआ है. 1928 में मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ था. पूरा होने में चार साल लगे थे. उस समय करीब डेढ़ लाख की लागत आई थी. मंदिर का डिजाइन और निर्माण महाराष्ट्र के मुंबई के कलाकारों द्वारा किया गया है. पुजारी के अनुसार, भारत में गोंदवले महाराज के समय के केवल तीन ही ऐसे मंदिर हैं. पहला महाराष्ट्र, दूसरा हरदा और तीसरा मंडलेश्वर में है.
छत्रपति शिवाजी महाराज की भी प्रतिमा
इस मंदिर की खासियत यह कि अयोध्या की तरह यहां भी भगवान श्रीराम मंदिर के पास हनुमानगढ़ में महारुद्र हनुमान के दर्शन होते हैं. मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा उकेरी है, जो सफेद घोड़े पर सवार होकर युद्ध के लिए जा रहे है. पुजारी बताते हैं कि उनके गुरु महाराज रामदासी पंथ के थे, जो भिक्षा मांगकर मंदिर का निर्माण संचालन करते थे, शिवाजी महाराज के वह गुरु थे. यहां रामदास महाराज की भी तस्वीर है.
45 फीट लंबा सभामंडप, वनवासी मुद्रा में प्रतिमाएं
मंदिर के 45 फीट लंबे सभा मंडप में भगवान विष्णु के दस अवतारों की छवि भी दीवारों पर उकेरी है. साथ ही गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर गणेश जी एवं 5 शिखर बनाए गए है. गर्भगृह के अंदर भगवान श्रीराम, माता सीता एवं लक्षण की प्रतिमाएं वनवासी मुद्रा में स्थापित है. यह प्रतिमाएं जयपुर से मंगाई गई थी, जबकि पूरा मंदिर पत्थरों से बनाया गया है. मंदिर के गर्भगृह के नीचे एक गुप्त ध्यान केंद्र भी बना है, जहां भीषण गर्मी में भी ठंडक महसूस होती है.
रामनवमी पर निकलेगा चल समारोह
गुड़ी पड़वा से राम जन्मोत्सव (राम नवमी) तक पूरे नौ दिन यहां आयोजन होते है. सुबह राम नाम के साथ प्रभात फेरी निकलती है, जो प्रमुख मार्गों सहित गायत्री मंदिर, गुरुद्वारा सहित सभी धार्मिक स्थलों से गुजरती है. शाम को स्थानीय भजन मंडलियों द्वारा भजन प्रस्तुतियां दी जाती हैं. राम जन्मोत्सव के दिन सुबह 10 से 12 बजे तक कीर्तन होंगे. 12 बजे भगवान की जन्मोत्सव आरती होगी. फिर विशाल भंडारे का आयोजन होगा. शाम 4:30 बजे चल समारोह निकलेगा जो पूरे नगर में भ्रमण करेगा.
