October 24, 2025

Monalisa: वायरल गर्ल मोनालिसा ने बताया दर्दनाक सच, इमोशनल कर देगी ये स्‍टोरी

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भोपाल. महाकुंभ 2025 में रुद्राक्ष बेचने वाली बंजारन लड़की मोनालिसा रातोंरात सोशल मीडिया सनसेशन बन गई और फिर उसे बॉलीवुड फिल्‍म भी ऑफर हो गई. इस लड़की ने सबसे सनसनीखेज खुलासा करते हुए ऐसी बात बताई है जो अब तक मीडिया के सामने नहीं आई थी. मोनालिसा ने News18 पॉड कॉस्‍ट में दिए इंटरव्‍यू में यह राज खोला है. मोनालिसा ने कहा कि मुझे सांपों से बहुत डर लगता है और इसी कारण भगवान शिव की ऐसी तस्‍वीरों जिसमें नाग-सांप हों; उन्‍हें मैं देख भी नहीं पाती हूं. अगर कभी मोबाइल रील्स देखते हुए अगर ऐसी फोटो या वीडियो आ जाए तो फिर मुझे मोबाइल छूट जाता है. इस डर से मेरा फोन टूट भी चुका है.

मोनालिसा ने बताया कि कुछ समय पहले मुझे सांप ने काट लिया था. सांप के काटने के बाद उसका जहर मेरे शरीर में फैल गया था. मेरे माता-पिता ने मुझे खरगोन अस्‍पताल में एडमिट कराया था और मेरे इलाज के लिए उन्‍होंने 3 लाख रुपए कर्ज लिया था. यहां मेरी हालत देखकर मेरे माता-पिता खाना भी नहीं खाते थे. उस समय अस्‍पताल के डॉक्‍टर भी चिंता में थे कि मैं बच सकूंगी या नहीं. जब मैं डॉक्‍टर से कहती थी कि प्‍लीज मेरे माता-पिता से कह दें कि मैं ठीक हूं, ताकि वे भूखे ना रहें; लेकिन वह समय बहुत कठिन था. मेरे शरीर से जहर निकालना और मुझे बचाने में मेरे माता-पिता ने बहुत परेशानियां और तकलीफें सहन कीं. वो दिन याद करते हुए हम सब आज भी रोने लगते हैं.

मोनालिसा ने बताया कि महाकुंभ में जाने से पहले मैं बहुत डरी हुई थी, पता नहीं वहां कैसे होगा, क्‍या होगा. इसको लेकर मेरे मन में कई बातें आती थीं, लेकिन जब मैं वहां पहुंची और मैंने गंगा मां को देखा तो मैं खुशी से झूम उठी. मैंने अपनी रुद्राश की माला वाला थैला नीचे फेंका और खुशी से खूब जोर-जोर से चिल्‍लाने लगी. मुझे लगा था कि कुछ होने वाला है. फिर महाकुंभ में मेरी आंखों और मेरे इंटरव्‍यू वायरल होने लगे. मोनालिसा ने कहा कि अब मेरे फेक इंटरव्‍यू और वीडियो सोशल मीडिया पर कुछ लोग बना रहे हैं. उन्हें देखकर मुझे दुख होता है. मोनालिसा ने कहा कि मैं बहुत अच्‍छे परिवार की बहुत अच्‍छी बेटी हूं; प्‍लीज मेरे गंदे और बेकार वीडियो और फोटो ना बनाएं. मोनालिसा ने कहा कि अब मैंने पढ़ना सीख रही हूं, पहले परिवार और छोटे भाई-बहनों की देखभाल की जिम्‍मेदारी के कारण मैं पढ़ नहीं सकी थी.

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