September 11, 2025

भगवद् गीता और PM मोदी की तस्‍वीर अंतरिक्ष में लेकर जाएगा नया सैटेलाइट

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बेंगलूरु. बड़े अंतरिक्ष मिशन (Space Mission) में लोगों का नाम भेजने की विदेशी एजेंसियों की परंपरा को अब भारत (India) के अंतरिक्ष मिशन में भी शामिल कर लिया गया है. निजी क्षेत्र का पहला उपग्रह सतीश धवन सैट (Satish Dhawan Satellite) पहली बार नासा की तर्ज पर भगवद् गीता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर और 25 हजार भारतीय लोगों (विशेषकर छात्रों) का नाम लेकर अंतरिक्ष में पहुंचेगा. इस उपग्रह का प्रक्षेपण इसरो अपने विश्वसनीय ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ‘पीएसएलवी सी-51’ से दो अन्य निजी उपग्रहों के साथ करेगा.

एसडी सैट का निर्माण करने वाली चेन्नई आधारित कंपनी स्पेसकिड्ज के मुख्य तकनीकी पदाधिकारी रिफत शाहरुख ने बताया कि 3.5 किलोग्राम वजनी इस नैनो उपग्रह में एक अतिरिक्त चिप लगाई जाएगी जिसमें सभी लोगों के नाम होंगे. इस नैनोसेटेलाइट को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्‍थापक के नाम पर ही रखा गया है.स्‍पेसकिड्स का मकसद इस मिशन के जरिए छात्रों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान को बढ़ावा देना है.

स्पेसकिड्ज इंडिया की संस्थापक और सीईओ डॉ श्रीमति केसन ने कहा, इस नैनो सैटेलाइट को लेकर काफी उत्‍साह है. यह अंतरिक्ष में तैनात होने वाला हमारा पहला उपग्रह होगा. जब हमने मिशन को अंतिम रूप दिया, तो हमने लोगों से उनके नाम भेजने को कहा जो अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. एक सप्ताह के अंदर ही हमें 25,000 से ज्‍यादा नाम भेजे गए. इनमें से 1,000 नाम भारत के बाहर के लोगों द्वारा भेजे गए थे. चेन्नई में एक स्कूल से सभी छात्रों के नाम भेजे गए हैं. हमने ऐसा करने का फैसला इसलिए किया है क्‍योंकि यह मिशन का मकसद छात्रों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान को बढ़ावा देना है. जिन लोगों के नाम अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे उन्हें बोर्डिंग पास भी दिया जाएगा.

केसन ने कहा कि उन्होंने अन्य अंतरिक्ष मिशनों की तर्ज पर अंतरिक्ष में भगवद गीता की एक प्रति भेजने का फैसला किया है. इसके साथ ही हमने प्रधानमंत्री के नाम और तस्वीर को शीर्ष पैनल पर आत्मनिर्भर मिशन शब्द के साथ जोड़ा है. इस उपग्रह को पूरी तरह से भारत में विकसित किया गया है.

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