September 11, 2025

“कांग्रेस आलाकमान की चुप्पी गंभीर भूल होगी” , सिंधिया का तीखा हमला

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Updated on: 26 Aug 2021,

ग्वालियर: पंजाब में चल रही उथल-पुथल ने न सिर्फ कांग्रेस आलाकमान को असहज कर दिया है, बल्कि सूबे में कांग्रेस के दो खेमे सीधे-सीधे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर असर डालते नजर आ रहे हैं. अब तो पंजाब में कांग्रेस के अंदरूनी असंतोष और सत्ता संघर्ष ने भारतीय जनता पार्टी को भी हमलावर होने का मौका दे दिया है. हाथ का साथ छोड़कर कमल का फूल थामने वाले और कभी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नजदीकी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस आलाकमान को इस मसले पर आड़े हाथों लिया है. उन्होंने एक ट्वीट कर गांधी परिवार को चेताया है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार की जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान पर टिप्पणी को नजरअंदाज करना भारी भूल होगी.

कार्यवाही की मांग की कांग्रेस आलाकमान से 
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को एक ट्वीट के जरिये कांग्रेस आलाकमान को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पर पंजाब कांग्रेस के नेताओं की निंदनीय टिप्पणियों पर कांग्रेस हाई कमान की चुप्पी इन राष्ट्र विरोधी बयानों के साथ उनकी मिलीभगत दर्शाती है. ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्र की भावनाओं और हमारे सैनिकों के संघर्ष और बलिदान के प्रति उनके मन में कोई आदर नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि ऐसे नेताओं के बयानों पर कोई भी कार्यवाही किए बगैर और ना ही कोई जिम्मेदारी लिए बगैर ऐसे ही छोड़ देना एक गंभीर भूल होगी.

थामे नहीं थम रहा कांग्रेस का अंदरूनी असंतोष
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के एक सलाहकार बलविंदर सिंह माली ने कहा था कि कश्मीर एक अलग देश था. भारत औऱ पाकिस्तान ने उस पर अवैध कब्जा किया था. इनके अलावा दूसरे सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने तो सीधे-सीधे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते हुए पाकिस्तान की आलोचना पर उन्हें कठघरे में खड़े कर दिया था. जाहिर है इसके बाद पंजाब कांग्रेस के खेमेबंदी और मुखर हो गई. नवजोत सिंह सिद्धू के कैंप ने अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री बने रहने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस आलाकमान से गुहार लगाई. हालांकि प्रभारी हरीश रावत ने स्थिति संभालते हुए एक के बाद एक कई बयान दिए, लेकिन असंतोष बढ़ता ही जा रहा है. यहां तक कि अब तो कैप्टन की पत्नी और सांसद परनीत कौर ने भी सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है. कह सकते हैं कि कांग्रेस के लिए आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले यह अच्छे संकेत नहीं हैं.

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