September 11, 2025

PM मोदी का बड़ा प्लान, अब बार-बार नहीं खुदेंगी सड़कें, एक टेंडर में होगा सारा काम

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नई दिल्ली. गति शक्ति प्रोजेक्ट (Gati Shakti Master Plan) से देश की तस्वीर बदलने वाली है. 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट की रूप-रेखा देश के सामने रखेंगे. देश की विकास यात्रा को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए इस मेगा प्रोजेक्ट में कई सारे प्रावधान रखे गए हैं. इसके तहत प्रमुख इंफ्रा कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के लिए एक कॉमन टेंडर लाने पर विचार किया जाएगा. बता दें कि इस साल 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने गति शक्ति प्रोजेक्ट का ऐलान किया था.

 

पीएम गति शक्ति परियोजना का उद्देश्य केंद्रीय एजेंसियों, राज्य एजेंसियों, शहरी स्थानीय निकायों और निजी क्षेत्र के बीच प्रभावी ढंग से समन्वय करते हुए एक क्षेत्र में ग्रीनफील्ड सड़कों, रेल और ऑप्टिकल फाइबर केबल, गैस लाइनों और बिजली लाइनों जैसी उपयोगिताओं से संबंधित गतिविधियों को एक साथ आगे बढ़ाना है. इसके तहत चुनिंदा भौगोलिक क्षेत्रों में सिंगल नोडल एजेंसी को ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी. इससे कॉमन टेंडर सहित सभी गतिविधियों को शुरू किया जा सकता है.

गेम-चेंजर साबित हो सकता है ये मेगा प्रोजेक्ट
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएम मोदी इस आईडिया पर काम करने के लिए खासे इच्छुक हैं. गति शक्ति मास्टर प्लान का उद्देश्य किसी भी प्रोजेक्ट में दिक्कतों को कम करना, बेहतर लागत और तुरंत मंजूरी देना है. अधिकारी ने कहा, ‘सरकार के अंदर कॉमन टेंडरिंग एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन अगर इसे हासिल किया जाता है तो ये असली गेम-चेंजर हो सकता है. प्रधानमंत्री का जोर सरकार में गति शक्ति मास्टरप्लान को जमीनी स्तर पर ले जाने का है.’

क्या है का प्रोजेक्ट का मकसद
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को एक एकीकृत योजना के रूप में तैयार किया गया है. इसका मकसद है हर डिपार्टमेंट को एक साथ लेकर चलने की. जिससे कि किसी काम में कोई रुकावट न आए. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘व्यवधानों को कम करना, लागत दक्षता के साथ काम जल्दी पूरा करना सुनिश्चित करना राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुसार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं.’

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान समग्र रूप से एलएनजी या मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के उच्च उपयोग को प्रोत्साहित करने पर भी ज़ोर देगा. योजना के अनुसार, उद्योगों के लिए प्रमुख मांग और आपूर्ति केंद्रों को जोड़ने वाली अतिरिक्त 17,000 किमी लंबी ट्रंक पाइपलाइन का निर्माण करके 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना करके 34,500 किमी करने का लक्ष्य है.

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