September 11, 2025

Tigers in India: 2021 में मध्‍य प्रदेश में बाघों की सर्वाधिक मौत

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नई दिल्‍ली. देश में बाघों (Tigers) को लेकर चौंकाने वाला डाटा सामने आए है. नेशनल टाइगर कजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में 2021 में कुल 126 बाघों की मौत (Tiger Deaths In India) हुई है. 29 दिसंबर तक के आंकड़ों में बताया गया है कि इनमें से 60 बाघों की मौत शिकारियों, हादसों और संरक्षित क्षेत्र के बाहर इंसानों के साथ मुठभेड़ में हुई है. बाघों की मौत के मामले में मध्‍य प्रदेश सबसे ऊपर है.

राज्‍यों की बात करें तो मध्‍य प्रदेश में 526 बाघ हैं. यहां 42 बाघों की मौत 2021 में हुई है. वहीं महाराष्‍ट्र में 312 बाघों हैं. वहां 26 बाघों की मौत हुई है. कर्नाटक में 524 बाघ हैं. राज्‍य में 15 बाघों की मौत हुई है. उत्‍तर प्रदेश में 173 बाघ रहते हैं. यहां 9 बाघों की मौत दर्ज की गई है. यह भी कहा जा रहा है कि अभी बाघों की मौत की संख्‍या और बढ़ सकती है क्‍योंकि एनटीसीए को अब भी कुछ डाटा का वेरिफिकेशन करना है.

2018 की गणना के अनुसार देश में 2967 बाघों का बसेरा था. वहीं एनटीसीए 2012 से बाघों का रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 20 सितंबर तक ही देश में 99 बाघों की मौत दर्ज की जा चुकी थी. वहीं 2016 में देश में 121 बाघों की मौत हुई थी. अब 2021 में बाघों की मौत के आंकड़े चिंताजनक स्थिति दर्शाने के साथ ही इस जानवर के संरक्षण की आवाजा उठाने का काम कर रहे हैं.

उत्‍तर प्रदेश वन विभाग में कार्यरत वरिष्‍ठ अफसर का कहना है कि यह असल में दर्ज हुई बाघों की मौत की संख्‍या है. कई बाघ वन क्षेत्र के अंदर ही प्राकृतिक रूप से मरे हैं, उनकी संख्‍या की गणना नहीं की गई है. ऐसे में 2021 में देश में मरने वाले कुल बाघों की संख्‍या में और बढ़ोतरी संभव है. उनका कहना है कि यह वो पल है जब हमें बाघों की सुरक्षा और उन्‍हें बचाने की योजनाओं पर काम करना होगा.

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