September 12, 2025

Bhopal News: 20 दिन में 2000 ईसाइयों ने किया ‘कन्फेशन’

0
catholic-christian-society

LAST UPDATED : 

भोपाल. कैथोलिक क्रिश्चियन समाज में क्रिसमस से पहले शुरू हुआ कन्फेशन का सिलसिला अब भी जारी है. पिछले 20 दिनों के भीतर यहां करीब 2000 लोग अपना कोई न कोई गुनाह कबूल कर चुके हैं. कन्फेशन क्या होता है? ईसाइयों में परंपरा है, जिसमें लोग जाने-अनजाने में हुए गुनाह के लिए प्रभु यीशु से क्षमा मांगने के लिए पादरी या फादर को माध्यम बनाते हैं. लेकिन गुनाह कबूल करते हुए पादरी भी उन्हें देख नहीं सकता यानी इसे पूरी तरह गुप्त रखा जाता है. क्रिश्चियन समुदाय में इसे पाप स्वीकारीकरण भी कहते हैं.

सदियों पुरानी है कन्फेशन की परंपरा

कैथोलिक क्रिश्चियन समाज के प्रवक्ता फादर मारिया स्टीफन ने बताया कन्फेशन की परंपरा सदियों पुरानी है. यह हर साल क्रिसमस के एक सप्ताह पहले शुरू होती है. ज्यादातर चर्चों में कन्फेशन किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनसे जाने-अनजाने में कोई पाप या भूल हो जाती है. मान-सम्मान बचाने के लिए इस बारे में वे किसी को बता नहीं पाते पर हमेशा तनावग्रस्त और अवसाद में रहते हैं. किसी को मन की बात बताने से मन हल्का हो जाता है इसलिए यह परंपरा है. एक तरह से यह क्षमा मांगने से मुक्ति पाने का मार्ग भी है.

कैसे किया जाता है कन्फेशन?

जहांगीराबाद चर्च के फादर दिलीप मिंज ने बताया कन्फेशन के लिए ज्यादातर लोग रविवार को आते हैं. वे पहले से फादर को सूचित कर देते हैं, जिन्हें प्रायश्चित करना होता है. उन्हें एक-एक कर चर्च में एक तय स्थान पर बुलाया जाता है. यहां एक व्यक्ति और पादरी के अलावा कोई नहीं रहता. कहीं पर्दा लगा होता है, तो कहीं द्वार बंद रहता है. व्यक्ति पादरी को बताता है कि कब और कैसे उससे कोई गुनाह हुआ. तब पादरी बाइबिल के किसी अध्याय के कोई शब्द लिखकर देता है. ऐसा करने से व्यक्ति को संतोष होने लगता है कि प्रभु उसके गुनाह माफ कर देंगे.

About The Author

Share on Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed