September 11, 2025

MP की जहरीली कोयला खदान! अब तक 7 शव बरामद

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Updated on: Jan 29, 2023

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में वर्षों से साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की बंद पड़ी एक भूमिगत कोयला खदान में जहरीली गैस से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. शनिवार शाम तीन और युवकों के शव मिले. इससे एक दिन पहले शुक्रवार को इस खदान में चोरी की नीयत से घुसे चार युवकों के शव बरामद हुए थे, जिनकी वहां जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इसी के साथ दो दिन में इस खदान से सात युवकों के शव बरामद हो चुके हैं.

इस मामले में पुलिस ने एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ भादंसं की धारा 304-ए के तहत मामला दर्ज किया है और विस्तृत जांच जारी है. यह खदान शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर धनपुरी पुलिस थाना इलाके में है और ये सातों युवक इस खदान में 26 जनवरी को दो अलग-अलग मुहानों से घुसे थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश बताया कि अमलाई थाना क्षेत्र के चीप हाउस निवासी रोहित कोल, चचाई थाना क्षेत्र के राजेश मिश्रा व मनोज बर्मन की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई गई थी. उन्होंने कहा कि 27 जनवरी को चार युवकों के शव बंद कोयला खदान से मिले थे, इसलिए ऐसी शंका जाहिर की जा रही थी कि कहीं ये तीनों युवक भी तो खदान के अंदर नहीं गए हैं.

बचाव टीम और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची

वैश्य ने बताया कि इसके बाद आज हसदेव क्षेत्र व स्थानीय कोयला खदान की बचाव टीम और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा. उन्होंने कहा कि कोयला खदान की टीम ने सुबह से बचान अभियान शुरू किया. उन्होंने कहा कि टीम ने सबसे पहले मुहाने को तोड़कर बड़ा दरवाजा बनाया और उसके बाद जब टीम अंदर गई तो वहां एक दीवार सी नजर आई, फिर उसके बाद उस दीवार को भी तोड़ा गया.

चार युवकों के शव 27 जनवरी की सुबह मिले थे

अधिकारी ने बताया कि करीब पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार एसईसीएल की बचाव टीम को सफलता मिली और शनिवार शाम लगभग साढ़े सात बजे इस खदान से तीन शवों को बाहर निकाल लिया गया. वैश्य ने कहा, इसके साथ ही अब बन्द कोयला खदान में मरने वालों की संख्या सात हो गयी है. चार युवकों के शव 27 जनवरी की सुबह मिले थे.

सुरक्षा हेतु गार्ड की व्यवस्था नहीं की गई थी

उन्होंने बताया कि इस भूमिगत कोयला खदान में शुक्रवार को हुई चार व्यक्तियों की मृत्यु से संबंधित प्रकरण की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है. वैश्य ने कहा कि एसईसीएल बुढ़ार ग्रुप प्रबंधन द्वारा बंद खदान का मुहाना बंद करने में समुचित सावधानी नहीं बरती गई तथा जहरीली गैस के रिसाव एवं बंद खदान की सार्वजनिक सूचना एवं चेतावनी बोर्ड इत्यादि नहीं लगाये गये तथा सुरक्षा हेतु गार्ड की व्यवस्था नहीं की गई थी.

उन्होंने कहा कि 26 जनवरी की रात में चार व्यक्ति लोहा कबाड़ निकालने के लिए बंद पड़ी भूमिगत खदान में अन्दर घुसे थे. उन्होंने कहा कि भूमिगत खदान के अन्दर जहरीली गैस का फैलाव होने से सभी जहरीली गैस के चपेट में आ गये और राज महतो (20), हजारी कोल (30), राहुल कोल (23) एवं कपिल विश्वकर्मा (21) की मौत हो गई, जबकि उनका एक अन्य साथी सुरंग के बाहर ही खड़ा था, जिसने बाद में इस बारे में पुलिस का जानकारी दी थी. ये चारों धनपुरी के रहने वाले थे.वहीं, शहडोल जिले के पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने थाना प्रभारी धनपुरी निरीक्षक रत्नांबर शुक्ला और बीट प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक गुलाम हुसैन को थाना धनपुरी से हटाकर पुलिस लाइन में भेज दिया है. (भाषा के इनपुट के साथ)

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