‘अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग’, चीन को भारत की दो टूक
Published : Nov 25, 2025
नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीनी विदेश मंत्रालय के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उसने कहा था अरुणाचल प्रदेश पर भारत का अवैध कब्जा है। चीन इसे दक्षिणी तिब्बत जंगनान बताता है और अरुणाचल को उसने कभी मान्यता नहीं दी है। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है और ये हकीकत नहीं बदलने वाली है।
क्या है मामला?
दरअसल, चीन ने शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की रहनेवाली एक भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में ले लिया था। जबकि उस महिला के पास वैध पासपोर्ट था और जापान की आगे की यात्रा के लिए शंघाई एयरपोर्ट से गुजर रही थी। चीन के इस व्यवहार के खिलाफ भारत के डिमार्शे (औपचारिक कूटनीतिक विरोध) और नयी दिल्ली के इस स्पष्ट दावे कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है, के संदर्भ में चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों को दोहराया गया।
अरुणाचल को चीन ने अपना हिस्सा बताया
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, “जंगनान (अरुणाचल) चीन का हिस्सा है। भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को चीन ने कभी मान्यता नहीं दी है।” भारत ने घटना वाले दिन ही बीजिंग और दिल्ली दोनों जगह चीन के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। भारत ने चीनी पक्ष को साफ-साफ बता दिया कि अरुणाचल प्रदेश “बिना किसी शक के” भारतीय भूभाग है और वहां के लोगों को भारतीय पासपोर्ट रखने और उससे यात्रा करने का पूरा हक है। शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने भी इस मामले को स्थानीय स्तर पर उठाया और प्रभावित यात्री की पूरी मदद की।
अभी तक चीन ने नहीं दिया स्पष्टीकरण
मंगलवार को चीन के इसी दावे के संबंध में रणधीर जायसवाल से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है। चीन की ओर से किसी भी तरह का इनकार करने से यह हकीकत नहीं बदलने वाली है। जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल के रहनेवाले भारतीय नागरिक को रोके जाने का मुद्दा चीनी पक्ष के सामने मजबूती से उठाया गया। चीन के अधिकारी अभी तक अपने कृत्यों का स्पष्टीकरण नहीं दे पाए हैं। यह अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को कंट्रोल करने वाले कई नियमों का उल्लंघन है। यह नियम सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीजा मुक्त पारगमन की इजाजत देते हैं।
