October 24, 2025

MP: ये गांव है देवों की नगरी! जहां हैं चौसठ योगिनी, साढ़े ग्यारह हनुमान, 52 भैरव और बहुत कुछ

0
khargone-choli-village-pandav-era

Last Updated : 

खरगोन: मध्य प्रदेश का एक गांव है चोली, जिसे देवों की नगरी भी कहा जाता है. यहां चौसठ योगिनी, साढ़े ग्यारह हनुमान और 52 भैरव हैं. साथ ही विश्व की सबसे बड़ी नृत्य मुद्रा में गणेश प्रतिमा और 11 फिट ऊंची शिवलिंग भी यहां की खासियत है, लेकिन, इस खबर में हम आपको पाताल भैरवी की उस दुर्लभ प्रतिमा के बारे में बता रहे हैं, जो कई वर्षों तक जमीन के नीचे दबी रही और ऐसी प्रतिमा आपने शायद ही कहीं देखी होगी.

तंत्र साधना का प्रसिद्ध स्थल
दरअसल, खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर विध्यांचल पर्वत की तलहटी में यह चोली गांव बसा हुआ है, जो तंत्र साधना के लिए भी प्रसिद्ध है. नवरात्रि के दौरान यहां कई संत महात्मा सिद्धियां प्राप्त करने आते हैं. तो वहीं सैकड़ों भक्त देवी दर्शन और आराधना के लिए पहुंचते हैं.

खुदाई में निकली पूरी मूर्ति
ग्रामीण किशोर सिंह ठाकुर (तकन बाबा) ने लोकल 18 को बताया कि, 10 साल पहले उनके मामा के मकान निर्माण के दौरान जमीन के नीचे से पाताल भैरवी की 10 से 12 फिट ऊंची यह प्रतिमा निकली थी. माता के सिर पर हनुमान जी का उल्टा पांव रखा हुआ है, सीधा पांव पास में है. शरीर का धड़ और बाकी अंग मूर्ति के पीछे हैं. हालांकि, ग्रामीणों के अनुसार, खुदाई से पहले जमीन के ऊपर हनुमान जी का पांव नजर आता था, जिसे बच्चे खेल-खेल में पत्थर समझते थे.

पांडव कालीन है प्रतिमा
ग्रामीणों के अनुसार, पाताल भैरवी की यह मूर्ति पांडव कालीन है. कुछ लोग इसे पांच हजार साल पुरानी भी बताते हैं. हालांकि, गांव की अन्य प्रतिमाओं की तरह यह मूर्ति भी पाषाण से निर्मित है. पुरातत्व विभाग की माने तो गांव की सभी मूर्तियां परमार कालीन हैं. लोग यह भी कहते हैं मूर्ति का एक तिहाई हिस्सा ही बाहर आया है. 25 फीसदी हिस्सा अभी भी जमीन के नीचे दबा है.

गांव में 64 देवियों की प्रतिमाएं
ग्रामीण किशोर सिंह और शिवराम ठाकुर बताते हैं कि, यहां नवरात्रि महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. गांव के कोने-कोने में 64 देवियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जिसके दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यह क्षेत्र 108 सिद्धपीठ में से भी एक है. इस साल पाताल भैरवी मंदिर में हवन, यज्ञ के साथ सुबह-शाम महाआरती की जाएगी. बालिकाओं और महिलाओं को गरबा भी होगा.

 

About The Author

Share on Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *