मध्य प्रदेश: बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार तैयार, ज्यादा ट्रिंपिंग वाले इलाकों में अधिकारियों को मिलेगी सजा

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Updated : 26 Apr 2022,

Jabalpur News: मध्यप्रदेश( Madhya Pradesh) में बिजली ट्रिपिंग की बढ़ती समस्या से निबटने के लिए सरकार पूरी तरह से चौकन्ना हो गयी है. सरकार ने निर्णय लिया है कि जिस इलाके में ज्यादा ट्रिपिंग होगी वहां के अधिकारी दंडित किये जायेंगे. जो अधिकारी अच्छा काम करेगा उसे पुरस्कृत भी किया जाएगा. गरीबों के नाम पर कनेक्शन लेकर बिजली का दुरुपयोग करने वालों की जांच भी की जाएगी. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर(Pradyuman Singh Tomar) ने कहा कि विद्युत लाइनों एवं ट्रांसफार्मर के संधारण कार्यों की निगरानी तथा निरीक्षण की व्यवस्था का रिकॉर्ड रखा जाये. संधारण कार्य के बाद होनी वाली ट्रिपिंग का विश्लेषण कर बिजली कार्मिकों को पुरस्कृत तथा दण्डित किया जाये.

विद्युत कम्पनियोंं के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जायेः ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि समिति गठित कर गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना में बिजली के क्षेत्र में किये गये बेस्ट प्रेक्टिसेस का अध्ययन करवायें. समिति समय-सीमा में प्रतिवेदन प्रस्तुत करे. विद्युत कम्पनियों में नवाचार के लिये अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाये. भोपाल में विभागीय समीक्षा बैठक में तोमर ने कहा कि सभी जिलों के अधिकारी 31 मई तक यह प्रमाण-पत्र दें कि उनके क्षेत्र में किसी भी एक घर में 2 बिजली कनेक्शन नहीं हैं. यह निर्णय गरीबों के नाम पर कनेक्शन लेकर बिजली के दुरुपयोग की शिकायत मिलने के बाद लिया गया है. बताया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा फर्जीवाड़ा खूब हुआ है.जहां गरीबों के नाम पर दो से तीन कनेक्शन लेकर उसे उच्च वर्ग के दूसरे घरों में लगा दिया गया है.

मुख्यमंत्री बिलों में राहत योजना-2022 का व्यापक प्रचार-प्रसार

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि “मुख्यमंत्री बिलों में राहत योजना-2022” का व्यापक प्रचार-प्रसार और पात्र उपभोक्ताओं को प्रमाण-पत्र वितरित किये जायें. लाभार्थियों को घर-घर जाकर प्रमाण-पत्र वितरित किये जा सकते है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आरडीएसएस (रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये सतत मॉनीटरिंग की व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि स्वयं प्रति माह इसकी समीक्षा करूंगा. इस योजना में केन्द्र सरकार ने लाइन लाइसेंस में कमी लाने और आधुनिकीकरण के लिये 2 वर्ष में 25 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.

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