October 27, 2025

Big News : MP के स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे हिंदू धर्मग्रंथ, शिवराज ने किया ऐलान

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भोपाल. मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब धर्म ग्रंथों की शिक्षा दी जाएगी. गीता का सार और रामायण महाभारत के प्रसंग पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में एक कार्यक्रम में ये ऐलान किया. उन्होंने ऐसे लोगों की निंदा की जो हिंदू धर्मग्रंथों की आलोचना कर रहे हैं.

रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला और हिंदू ग्रंथों की आलोचना करने वालों पर सीएम शिवराज ने जमकर निशाना साधा. भोपाल में एक कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा मुझे दुख होता है. लेकिन कुछ लोग देश में ऐसे हैं जिन्हें हमारी संस्कृति-परंपरा, जीवन- दर्शन, महापुरुष आध्यात्म और धर्म की आलोचना करने में आनंद आता है. वो यह नहीं जानते कि देश का कितना नुकसान कर रहे हैं. राम के बिना यह देश जाना नहीं जाता. राम हमारे रोम रोम में बसे हैं. राम का नाम लिया जाता है सुख और दुख में. जब अंतिम संस्कार में जाते तब भी यही कहते हैं कि राम नाम सत्य है.

गीता का ज्ञान
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में धर्म ग्रंथों की शिक्षा देगी. गीता का सार रामायण महाभारत के प्रसंग भी पढ़ाए जाएंगे. मध्यप्रदेश में धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा देकर छात्रों में नैतिक शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों को चेताया है जो हिंदू ग्रंथों के साथ महापुरुषों का अपमान करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा जो महापुरुषों का अपमान करते हैं उन्हें सहन नहीं किया जाएगा.

क्रांतिवीरों को नमन
मुख्यमंत्री ने कहा क्रांति वीरों ने अपनी शहादत दी है. लेकिन आज मन में तकलीफ होती है कि आजादी के इतने लंबे समय बाद भी शहीदों का स्मरण नहीं किया जाता. मुख्यमंत्री ने विद्या भारती के सुघोष दर्शन कार्यक्रम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा शिक्षा के तीन उद्देश्य होते हैं. ज्ञान-कौशल और नागरिकता के संस्कार देना. विद्या भारती इन तीनों उद्देश्यों को पूरा कर रही है. राज्य सरकार भी  बेहतर शिक्षा देने के लिए काम कर रही है.

अंग्रेजी बोलने वालों की आलोचना
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- अंग्रेजी बोलने वाला विद्वान हो यह जरूरी नहीं है. मेरे मन में अफसोस है कि जब मैं देखता हूं अंग्रेजी बोलना गर्व का विषय माना जाता है. प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में शिक्षा दी जा रही है.

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