भारत में अब तक कितने मुस्लिम मुख्यमंत्री बने, किन पार्टियों के थे?

Updated at : 26 May 2024 ,
मुख्यमंत्री किसी भी राज्य में सरकार चलाने वाले सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं. वे राज्य स्तर पर सरकारी नीतियां बनाने और उनका कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होते हैं. आजादी के बाद से देश में कई मुस्लिम नेता भी रहे हैं जो राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य कर चुके हैं. हालांकि ये संख्या काफी कम है.
भारत में अब तक 2 केंद्र शासित प्रदेश और 6 राज्यों में कुल 18 मुस्लिम नेता मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा 11 मुस्लिम नेता मुख्यमंत्री रहे. दूसरा केंद्र शासित प्रदेश है पुडुचेरी.
जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी के अलावा इन छह राज्यों के मुस्लिम नेता मुख्यमंत्री बनें- बिहार, असम, राज्यस्थान, महाराष्ट्र, मणिपुर और केरल. इनमें असम एकमात्र राज्य है जहां मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री रहीं हैं. असम की पहली मुस्लिम महिला अनवरा तैमूर करीब सात महीने सीएम पद पर रहीं थी.
इसके अलावा मणिपुर ऐसा राज्य है जहां किसी मुस्लिम नेता ने एक नहीं बल्कि दो-दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाला. एम अलीमुद्दीन पहले 23 मार्च 1972 से 27 मार्च 1973 तक करीब एक साल और फिर 4 मार्च 1974 से 9 जुलाई 1974 तक करीब चार महीने मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे.
केंद्र में किस पार्टी के दौर में सबसे ज्यादा मुस्लिम मुख्यमंत्री बनें
भारत में आखिरी मुस्लिम मुख्यमंत्री करीब 30 साल पहले बने थे. अब्दुल रहमान अंतुले 9 जून 1980 से 12 जनवरी 1982 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे थे. इनके बाद से किसी राज्य में कोई मुस्लिम मुख्यमंत्री नहीं बना. सबसे ज्यादा चार राज्यों में कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाएं हैं. इसके अलावा एक-एक मणिपुर में मणिपुर पिपुल्स पार्टी और केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) से मुस्लिम मुख्यमंत्री बने.
एक गौर करने वाली बात ये भी है कि छह में से 5 राज्यों (83 फीसदी) में इंदिरा गांधी के दौर में मुस्लिम मुख्यमंत्री रहे. एकमात्र सी एच मोहम्मद कोया केंद्र में जनता पार्टी की सरकार के समय साल 1979 से 1979 में केरल के मुख्यमंत्री रहे थे. उस समय चरण सिंह भारत के प्रधानमंत्री रहे थे.
राज्य में सबसे लंबे समय तक CM रहने वाले मुस्लिम नेता
छह में से किसी भी राज्य में कोई भी मुस्लिम सीएम अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका. बरकतुल्लाह खान को आजादी के बाद भारत के मुस्लिम मुख्यमंत्री के रूप में सबसे लंबे समय तक सेवा करने का सम्मान मिला है. वह 9 जुलाई 1971 से 11 अक्टूबर 1973 तक करीब दो साल तीन महीने राजस्थान के सीएम रहे थे. वहीं सबसे कम समय मुस्लिम सीएम रहने का रिकॉर्ड एच मोहम्मद कोया के नाम है जो महज 53 दिन केरल के मुख्यमंत्र रहे थे.
केंद्र शासित प्रदेश में कितने मुस्लिम मुख्यमंत्री
देश में कुल 18 में 12 मुस्लिम मुख्यमंत्री केंद्र शासित प्रदेश से रहे हैं- जम्मू कश्मीर और पुडुचेरी. आजादी के बाद से जम्मू कश्मीर में अब तक सभी 11 मुख्यमंत्री मुस्लिम समुदाय से ही रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा 5 मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने दिए हैं. इसके बाद कांग्रेस से तीन और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से दो मुख्यमंत्री बनें. वहीं पुडुचेरी से एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री रहे एम ओ एच फारूक तीन बार सत्ता की कुर्सी पर बैठे.
भारत में आज कितने मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदाय से मुख्यमंत्री?
वर्तमान में भारत में 30 मुख्यमंत्री हैं, जिनमें से सिर्फ छह अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. इन छह में से चार ईसाई, एक सिख और एक बौद्ध हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार देश की 14.2 फीसदी आबादी के साथ सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह होने के बावजूद वर्तमान में कोई भी मुस्लिम मुख्यमंत्री पद पर नहीं है.
अल्पसंख्यक समुदाय के मुख्यमंत्रियों वाले दो राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्य में मुख्यमंत्री उसी समुदाय से आते हैं जिसका राज्य में बहुमत है. मेघालय, मिजोरम और नगालैंड ईसाई बहुल राज्य है और वहां ईसाई मुख्यमंत्री ही चुने गए हैं. इसी तरह पंजाब में सिख धर्म सबसे ज्यादा माना जाता है. यहां की 57.7% आबादी (2011 की जनगणना के अनुसार) सिख है और यहां के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी सिख हैं.
आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश ऐसे दो राज्य हैं जहां मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं, लेकिन राज्य के बहुसंख्यक लोग दूसरे धर्म को मानते हैं. मतलब, जहां आंध्र में ज्यादातर लोग हिंदू हैं लेकिन CM जगन मोहन रेड्डी क्रिश्चियन हैं. ऐसे ही अरुणाचल में सबसे ज्यादा हिंदू ही हैं लेकिन यहां सीएम पेमा खांडू बुद्धिस्ट हैं. जबकि आंध्र में तो सिर्फ 1.3% लोग ही क्रिश्चियन हैं और अरुणाचल में 11.7% लोग बुद्धिस्ट हैं फिर भी इन दोनों राज्यों के मुखिया उसी धर्म के हैं. ये बात काफी दिलचस्प है.