September 11, 2025

बिजली बिल न भरने वालों में टॉप पर MP के राजस्व मंत्री

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Updated: 23 दिसम्बर, 2021,

भोपाल: आम आदमी को भले ही हर महीने बिजली का बिल (Electricity Bill) जमा करना होता है, लेकिन माननीयों द्वारा बिजली का बकाया बिल नहीं चुकाने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. ताजा मामला मध्य प्रदेश का है. हैरानी की बात यह है कि मध्य प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री भी इस लिस्ट में शामिल हैं. राज्य विद्युत विभाग की ओर से जारी बिजली बिल डिफॉल्टरों की सूची में मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत  (Govind Singh Rajput) शीर्ष पर हैं. राजपूत का 84,000 रुपये से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है.

बिजली बिल नहीं चुकाने वालों में मंत्री के बड़े भाई गुलाब सिंह राजपूत, कलेक्टर आवास, एसपी दफ्तर, कैंट के सीईओ समेत डॉक्टर, एक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता समेत अन्य शामिल हैं.

बिजली विभाग के मुताबिक, राजपूत सूची में शीर्ष पर हैं. उन पर 84,388 रुपये का बकाया. उनके भाई गुलाब सिंह इस लिस्ट में पांचवें पायदान पर हैं. उन पर 34,667 रुपये का बिजली बिल बकाया है.

बिजली विभाग के मुताबिक, कलेक्टर के बंगले का 11,445 रुपये, कैंट के सीईओ का 24,700 रुपये, वकील चंद गुप्ता का  40,209 रुपये, पुलिस अधीक्षक के कार्यालय का 23,428 रुपये, सूर्यांश सुशील तिवारी का 27,073 रुपये और एसएएफ 16 बटालियन के ऑफिस का 18,650 रुपये का बिजली बिल बाकी है.

बिजली विभाग ने बिल का भुगतान करने के लिए डिफॉल्टरों को एसएमएस के जरिये सूचना दी है.

बिजली विभाग के इंजीनियर एस के सिन्हा ने कहा कि सागर नगर डिवीजन में 91,000 बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 67,000 लोगों ने अपना बिल भर दिया है. सिन्हा ने कहा, “बाकी बचे उपभोक्ता को बिल भरने के लिए फोन किया जा रहा है. उन्हें बिल भरने के लिए एसएमएस और नोटिस भी भेजा रहा है. अगर बिल जमा नहीं होता है तो कार्रवाई की जाएगी.”

 

वहीं, ऊर्जा मंत्री  प्रद्युम्न सिंह ने एएनआई से बात करते हुए उपभोक्ताओं से जल्द बिल जमा करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, “मैं जनहित में उन उपभोक्ताओं से बिल भरने की अपील करता हूं जो बिल जमा करने में सक्षम हैं. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार अपना काम करेगी. जो लोग सक्षम हैं और फिर भी बिल नहीं भर रहे हैं, उनके बिजली कनेक्शन काटे जाएंगे. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, फिर चाहे ऊर्जा मंत्री यानी मैं खुद ही क्यों न हूं. कानून सभी के लिए बराबर है.”

 

 

 

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