September 12, 2025

MP Election: मध्य प्रदेश की 34 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी, दोनों के लिए खतरा बन सकती है AAP

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Updated at : 02 Jun 2023

MP Elections 2023: मध्य प्रदेश की सत्ता तक पहुंचने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) के लिए ग्वालियर-चंबल काफी अहम है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल की 34 सीटों में से 26 सीटें कांग्रेस ने जीती थी, लेकिन उप चुनाव में यह आंकड़ा 17-17 पर पहुंच गया था. यहां अभी दोनों ही पार्टी 50-50 फीसदी पर हैं. कुल मिलाकर ग्वालियर-चंबल बीजेपी और कांग्रेस दोनों का ही गढ़ है, लेकिन अब इस गढ़ पर आम आदमी पार्टी (AAP) की भी नजर पड़ गई है. यही कारण है कि 25 जून को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ग्वालियर आ रहे हैं और यहां रोड शो करेंगे.

आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. रुचि गुप्ता के अनुसार आगामी 25 जून को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ग्वालियर आ रहे हैं. इस दौरान महारैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश भर से एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे. कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का रोड शो भी प्रस्तावित है.

‘बदलाव चाहता है ग्वालियर’
आम आदमी पार्टी का मानना है कि ग्वालियर-चंबल बदलाव चाहता है. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद वह सबसे पहली शुरुआत मध्यप्रदेश के ग्वालियर से ही करने जा रही है. प्रवक्ता रुचि गुप्ता के अनुसार आम आदमी पार्टी ने ग्वालियर-चंबल में सर्वे कराया था. इस सर्वे में जो सामने आया है वह यह कि ग्वालियर-चंबल की जनता बदलाव चाहती है. इसी वजह से आम आदमी पार्टी ग्वालियर से ही अपना चुनावी आगाज करने जा रही है. आयोजन को लेकर आप कार्यकर्ताओं द्वारा युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही है.

दोनों ही पार्टी 50-50 की स्थिति में
बता दें ग्वालियर और चंबल क्षेत्र राजनीतिक दृष्टि से दोनों ही प्रमुख पार्टी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए अहम है. वर्तमान स्थिति में ग्वालियर-चंबल में दोनों ही पार्टी 50-50 फीसदी पर है. साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने यहां की 34 सीटों में से 26 अपने कब्जे कर ली थी, लेकिन बाद में उपचुनाव में दोनों ही पार्टी के पास 17-17 सीटें रह गई हैं.

दोनों ही प्रमुख दल ग्वालियर-चंबल में अपना दबदबा कायम रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं, अब आम आदमी पार्टी दोनों ही प्रमुख पार्टियों की कोशिशें में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है.

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