Indore: फिर बुजुर्गों के साथ अमानवीयता, 32 सीटर की दो बसों में ठूंसा 150 मरीजों को

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LAST UPDATED : FEBRUARY 12, 2021,

इंदौर. शासन-प्रशासन की सख्ती के बाद भी बुजुर्गों के साथ अमानवीयता नहीं रुक रही. इस मामले में जिले की फजीहत करा चुके नगर निगम के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों के साथ शर्मसार करने वाला बर्ताव किया. 150 बुजुर्गों को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चोइथराम हॉस्पिटल से देपालपुर जानवरों की तरह लाया गया. दो 32-32 सीटर बसों में बुजुर्गों को ठूंस दिया गया. वे करीब 40 किलोमीटर के सफर में जैसे-तैसे धक्के खाते-खाते गंतव्य तक पहुंचे.

बता दें, देपालपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को आसपास के गांवों के मरीजों की आंखों की जांच की गई थी. जांच के बाद मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए मरीजों को इंदौर के चोइथराम अस्पताल भेजा गया था. प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने न तो बुजुर्गों की उम्र का लिहाज किया और न ही उनकी बीमारी का.

इस तरह की बातें आईं सामने

बस में सवार बुजुर्ग मरीजों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन ने ले जाने के लिए यही इंतजाम किया था. इधर, कंडक्टर और ड्राइवर ने कहा कि लोग अपनी मर्जी से बसों में बैठ गए थे. मामला सामने आने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों का कहना कि जांच करवाकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे. हालांकि, इस दौरान भी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अस्पताल की बजाय CMHO ऑफिस में मीटिंग कर रही थीं. वहीं, देपालपुर के तहसीलदार बजरंग बहादुर ने कहा कि इस मामले में चोइथराम अस्पताल के स्टाफ को नोटिस जारी किया है.

28 जनवरी को भी हुई थी घटना

गौरतलब है कि पिछली 28 जनवरी को भी बुजुर्गों के साथ इंदौर नगर निगम ने अमानवीयता दिखाई थी. भिखारी बुजुर्गों को जानवरों की तरह भरकर शहर के बाहर छोड़ दिया गया था. इस मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने कड़ी कार्रवाई की थी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया गया था.इसके साथ ही घटना के समय मौजूद नगर निगम के दो कर्मचारियों को बर्खास्त करने के भी निर्देश दिए गए थे.

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