She Shakti Suraksha Survey 2025: औरतों के लिए सबसे सेफ हैं ये तीन शहर, आ गई पूरी लिस्ट, यहां रात में रहता है खौफ

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लखनऊः अहमदाबाद, इंदौर और मुंबई उन टॉप तीन शहरों में शुमार हुए हैं, जहां महिलाएं सबसे सुरक्षित महसूस करती हैं. यह जानकारी सीएनएन-न्यूज18 और पीवैल्यू द्वारा किए गए ‘शी शक्ति सुरक्षा सर्वेक्षण 2025’ में सामने आई है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) से पहले जारी किए गए इस सर्वेक्षण में पता चला कि 20 भारतीय शहरों की 82% शहरी महिलाएं अपने शहरों को सुरक्षित मानती हैं, जबकि केवल 6% महिलाएं अपने शहरी परिवेश को असुरक्षित मानती हैं. बाकी 12% महिलाओं ने मध्यम सुरक्षा का अनुभव किया.
दिन में जो महिलाएं सेफ महसूस करती हैं, वो रात में नहीं
82% महिलाएं अपने शहरों को सुरक्षित मानती हैं. केवल 6% महिलाएं अपने शहरी परिवेश को असुरक्षित मानती हैं. 12% महिलाओं ने मध्यम सुरक्षा का अनुभव किया. हालांकि, सर्वेक्षण में दिन और रात के समय में सुरक्षा के अनुभव में बड़ा अंतर पाया गया. जहां 82% महिलाएं दिन के समय सुरक्षित महसूस करती हैं, वहीं रात के समय यह आंकड़ा घटकर केवल 48% रह जाता है. लगभग एक चौथाई (23%) महिलाओं ने रात में अपने शहरों को असुरक्षित माना, जबकि 29% ने मध्यम सुरक्षा का अनुभव किया.
महिलाओं ने सुरक्षा को लेकर जाहिर की चिंता
82% महिलाएं दिन के समय अपने शहर को सुरक्षित मानती हैं. केवल 4% महिलाएं दिन के समय शहर को असुरक्षित मानती हैं. 14% महिलाओं ने दिन के समय मध्यम सुरक्षा की चिंता व्यक्त की. सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है, “यह दिन-रात का अंतर शहरी योजनाकारों और नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी है. रात के समय की सुरक्षा में सुधार के लिए लक्षित हस्तक्षेप महिलाओं के समग्र सुरक्षा अनुभव को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं.” केवल 48% महिलाएं रात में अपने शहर को सुरक्षित मानती हैं. 23% महिलाएं सूर्यास्त के बाद अपने शहरी परिवेश को असुरक्षित मानती हैं. 29% महिलाओं ने रात में मध्यम सुरक्षा का अनुभव किया यह दिन के समय की तुलना में सुरक्षा के अनुभव में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है.
सुरक्षा महिलाओं की कई चीजों को प्रभावित करती है
‘शी शक्ति सुरक्षा सर्वेक्षण 2025’ का उद्देश्य विभिन्न मानकों पर महिलाओं की सुरक्षा के अनुभव को मापना और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना है. मौजूदा कानूनी ढांचे और तकनीक के बावजूद, सुरक्षा चिंताएं महिलाओं की शिक्षा, गतिशीलता, आर्थिक भागीदारी और समग्र नागरिक अधिकारों को प्रभावित करती हैं, जिससे उन्हें अपने व्यवहार में बदलाव करना पड़ता है और सार्वजनिक जीवन में उनकी भागीदारी सीमित हो जाती है.
8000 महिलाओं ने लिया हिस्सा
नीति निर्माताओं के लिए एक रणनीतिक उपकरण के रूप में काम करते हुए, यह सर्वेक्षण वार्षिक रूप से किया जाएगा ताकि प्रगति को ट्रैक किया जा सके और लक्षित हस्तक्षेपों का मार्गदर्शन किया जा सके. पहले वर्ष में, इस शोध ने 20 शहरों को कवर किया और भविष्य में 100 शहरों तक विस्तार करने की योजना है. डेटा को कंप्यूटर-असिस्टेड टेलीफोन इंटरव्यूइंग (CATI) के माध्यम से 8,000 महिलाओं के रैंडम सैंपलिंग का उपयोग करके एकत्र किया गया, जो 10 विभिन्न भारतीय भाषाओं में किया गया. सर्वेक्षण ने आयु, शिक्षा स्तर, वैवाहिक स्थिति और मासिक घरेलू आय जैसे जनसांख्यिकीय चर को कैप्चर किया, जिससे सुरक्षा के अनुभवों का एक परिष्कृत, अंतर्विभागीय विश्लेषण संभव हो सका.