October 12, 2025

‘मैं संजय दत्त को निर्दोष मानता हूं’ : राज्यसभा के लिए नामित वकील उज्जवल निकम ने

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Updated : Jul 15, 2025 ,

नई दिल्ली: सरकार के प्रमुख वकील उज्ज्वल निकम अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सिफारिश के बाद राज्यसभा की सदस्यता लेने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने एनडीटीवी को एक इंटरव्यू में अपने कानूनी करियर को लेकर बात की। इस दौरान उन्होंने मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट से जुड़े किस्से भी बताए। उन्होंने संजय दत्त के बारे में कहा कि कानून की नजर में उन्होंने अपराध किया है, लेकिन वह सीधे-सादे इंसान हैं, मैं उन्हें निर्दोष मानता हूं। इसके साथ ही उन्होंने संजय दत्त से जुड़ा एक वाकया शेयर करते हुए कहा कि अगर संजय दत्त ने बंदूकें रखते समय ही पुलिस को सूचना दी होती तो मुंबई में धमाके ही नहीं होते, इसे टाला जा सकता था।

‘तो नहीं होता धमाका’

दरअसल, उज्जवल निकम ने संजय दत्त को लेकर कहा, “मुझे बस एक ही बात कहनी है। धमाका 12 मार्च को हुआ था, उसके कुछ दिन पहले ही एक वैन उनके (संजय दत्त के) घर आई थी। वह हथियारों से भरी थी उसमें हथगोले, एके 47 थे। अबू सलेम (गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का गुर्गा) इसे लाया था। संजय ने कुछ हथगोले और बंदूकें उठाईं। फिर उन्होंने सब कुछ वापस कर दिया और सिर्फ एक एके 47 अपने पास रख ली। अगर उन्होंने उस समय पुलिस को सूचित किया होता, तो पुलिस जांच करती और मुंबई में धमाके कभी नहीं होते।”

‘संजय दत्त को निर्दोष मानता हूं’

उज्ज्वल निकम ने बताया कि उस समय संजय दत्त निर्दोष थे और उन्होंने हथियार इसलिए रखा था क्योंकि उन्हें बंदूकों का शौक था। उन्होंने कहा, “कानून की नजर में उन्होंने अपराध किया था। लेकिन वह सीधे-सादे इंसान हैं… मैं उन्हें निर्दोष मानता हूं।” उन्होंने कहा कि उन्होंने संजय दत्त के वकील को भी इस बारे में बताया था कि एके-47 से कभी गोली नहीं चलाई गई और प्रतिबंधित हथियार का होना “एक बात” थी। लेकिन पुलिस को सूचित न करना ही उन धमाकों का कारण बना जिसमें इतने सारे लोग मारे गए।

जब कोर्ट में घबरा गए संजय दत्त

मुंबई बम धमाका मामले में उज्ज्वल निकम से उस समय की कोई ऐसी घटना के बारे में पूछा गया जो किसी को नहीं पता। इस पर निकम ने कहा कि जब संजय दत्त को शस्त्र अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई तो वह घबरा गए। तो उनके और संजय दत्त के बीच कुछ बात हुई थी, जो उन्होंने कभी शेयर नहीं की। उज्ज्वल निकम ने कहा कि सजा सुनाए जाने के बाद संजय दत्त अपना नियंत्रण खो बैठे थे। उन्होंने कहा, “मैंने उनके हाव-भाव बदलते देखे। मुझे लगा कि वह सदमे में हैं। वह फैसला बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।” संजय निकम ने आग कहा, “वह गवाह के कठघरे में थे और मैं पास ही था और मैंने उनसे बात की। आपको याद होगा कि वह चुप हो गए और फिर चले गए।”

उज्ज्वल निकम ने संजय दत्त से क्या कहा?

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अभिनेता संजय दत्त को क्या कहा? इस पर उज्ज्वल निकम ने कहा कि वह पहली बार इसके बारे में बता रहे हैं। मैंने संजय से कहा, ‘संजय ऐसा मत करो। मीडिया तुम्हें देख रहा है। तुम एक अभिनेता हो। अगर तुम सजा से डरे हुए लगोगे, तो लोग तुम्हें दोषी मान लेंगे। तुम्हारे पास अपील करने का मौका है।’ उन्होंने कहा, ‘हां सर, हां सर।’ बता दें कि अदालत ने संजय दत्त को टाडा के तहत आतंकवादी होने के आरोप से बरी कर दिया था, लेकिन उन्हें शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी छह साल की सजा को घटाकर पांच साल कर दिया। संजय दत्त ने यह सजा पुणे की यरवदा जेल में पूरी की थी।

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