संसद में ‘भ्रष्ट’, ‘जुमलाजीवी’ जैसे शब्दों पर बैन, विपक्ष में आक्रोश
Updated: 14 जुलाई, 2022 ,
नई दिल्ली: लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ के नाम से ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है, जिनका इस्तेमाल संसद में गलत और असंसदीय माना जाएगा. इसके तहत जुमलाजीवी, लॉलीपॉप, गद्दार, घड़ियाली आंसू, जयचंद, शकुनी, भ्रष्ट जैसे कई शब्दों और मुहावरों पर रोक लगा दी गई है. इन चुनिंदा शब्दों को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा. इन शब्दों की लिस्ट सभी सांसदों को भेजी गई है. इस लिस्ट में गौर करने वाली बात यह है कि नई सूची में ऐसे शब्द सबसे अधिक शामिल हैं जो राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं की कार्यवाही से असंसदीय बता कर हटाए गए हैं. बता दें, दोनों ही राज्यों में अभी कांग्रेस की सरकार है.
जैसे 05.03.2021 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस्तेमाल किए गए ‘अक्षम सरकार’, 13.02.2021 को राजस्थान विधानसभा में इस्तेमाल किए गए ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जैसे शब्द इस लिस्ट में मौजूद हैं. बता दें, कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में भी 1500 असंसदीय शब्दों की सूची बनी. लेकिन उसका ख़ास असर विधानसभा के अंदर नहीं दिखा. और जिन शब्दों पर पाबंदी लगाई गई, वो धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं.
हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इस लिस्ट को लेकर कई सवाल उठाए हैं. विपक्षी सांसदों को कहना है कि इस लिस्ट में ऐसे शब्दों को शामिल करके उन्हें बोलने से रोकना है.
वहीं, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा, आप मुझे निलंबित कर दीजिए. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है. सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया है. अब हमें संसद में भाषण देते समय इन बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. शर्म आनी चाहिए, दुर्व्यवहार किया, धोखा दिया, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम. मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा. मुझे निलंबित कर दीजिए. लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा.’
इनके अलावा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘आपके कहने का यह मतलब है कि अब मैं लोकसभा में यह भी नहीं बता सकती कि हिंदुस्तानियों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपनी हिपोक्रेसी पर शर्म आनी चाहिए?’
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘यह मीम याद आ गया. अगर हम करें तो करें क्यां, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ, वाह मोदी जी वाह!’