एक साथ अंतरिक्ष में भेजे 104 उपग्रह, ISRO ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
Updated: February 15, 2017
अंतरिक्ष में भारत नया रिकॉर्ड बना दिया है. इसरो ने श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से आज सुबह 9.28 बजे पीएसएलवी—C37 का प्रक्षेपण किया. भारत दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने एक साथ 104 सेटेलाइट लांच किया है.
अभी तक रूस के पास सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड है. रूस ने 37 उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित कर यह मुकाम हासिल किया था. इसरो का खुद का रिकॉर्ड 23 सेटेलाइट एक साथ लांच करने का है जो जून 2015 में किया गया था.
आइए नजर डालते हैं इसरो के सहारे भारत की अंतरिक्ष उड़ान पर एक नजर:
1975 में देश का पहला उपग्रहआर्यभट्ट अंतरिक्ष में भेजा गया. इसका नाम महान भारतीय खगोलशास्त्रीके नाम पर रखा गया था. इस सेटेलाइट को कॉसमॉस-3एम प्रक्षेपण वाहन के जरिए कास्पुतिन यान से प्रक्षेपित किया गया था. सबसे खास बात ये थी कि इस उपग्रह का निर्माण पूरी तरह से भारत में ही हुआ था.
भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इन्सैट) बहुउद्देशीय उपग्रहों की एक श्रृंखला है जो दूरसंचार, प्रसारण, मौसम विज्ञान, खोज और बचाव कार्य के लिए उपयोग होती है. इस श्रृंखला का पहला उपग्रह 1983 में लॉन्च किया गया था, जिसने भारत में रेडियो और टेलिविजन जैसी प्रसारण प्रणाली में क्रांति ला दी थी.
इसरो ने 1990 में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)को विकसित किया था. 1993 में इस यान से पहला उपग्रह ऑर्बिट में भेजा गया, जो भारत के लिए गर्व की बात थी. इससे पहले यह सुविधा केवल रूस के पास थी.
2008 में भारत और इसरो ने चंद्रयान बनाकर इतिहास रच दिया था. 22 अक्टूबर 2008 को पूरी तरह से देश में निर्मित इस मानव रहित अंतरिक्ष यान को चांद पर भेजा गया था. इससे पहले ऐसा सिर्फ छह देश ही कर पाए थे.
चांद तक पहुंचने के बाद भारत मंगल तक भी पहुंच गया. इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जहां के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने ऐसा करने में सफलता हासिल की थी. 2014 मंगल ग्रह की परिक्रमा करने के लिए मंगलयान को छोड़ा गया. इस मिशन की खासियत ये भी थी कि भारत ने पूरे अभियान को अमेरिका के मंगल मिशन की तुलना में 10 फीसदी कम कीमत में कर दिखाया.
2016 में इसरो ने एक बार फिर इतिहास रचा. 28 अप्रेल को इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के सातवें उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. इसके साथ ही भारत को अमेरिका के जीपीएस सिस्टम के समान अपना खुद का नेविगेशन सिस्टम मिल गया. इससे पहले अमेरिका और रूस ने ही ये उपलब्धी हासिल की थी.
जून 2016 में इसरो ने एक साथ 20 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे. पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) का ये 36वें प्रक्षेपण था. इसमें भारतीय उपग्रहों के साथ ही कनाडा, इंडोनेशिया, जर्मनी और अमेरिका आदि देशों के 17 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे.
First published: February 15, 2017