गुजरात चुनाव में जैसे-तैसे जीत मिलने पर RSS नाराज, BJP में बड़ी सर्जरी की तैयारी : सूत्र

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय

Updated: Jan 5, 2018

नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदर्शन से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) नाराज है. मध्य प्रदेश के उज्जैन में RSS की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई. सूत्रों के हवाले से ZEE न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक संघ ने बीजेपी के नेतृत्व में बदलाव करने का फैसला ले सकता है. बताया जा रहा है कि गुजरात चुनाव पर परिणाम पर संघ और बीजेपी के पदाधिकारियों की हुई बैठक में फैसला लिया गया कि पार्टी में सर्जरी की जरूरत है. इसके तहत पार्टी के कई पदाधिकारयों की जिम्मेदारी में बदलाव किया जा सकता है. यह भी चर्चा है कि बीजेपी में कुछ नए चेहरों को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.

मालूम हो कि गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही जीत दर्ज की है, लेकिन ज्यादातर प्रत्याशियों के हार-जीत का अंतर काफी कम है. यहां बीजेपी को 99 और कांग्रेस को 80 सीटें मिली हैं. वहीं तीन सीटें अन्य के खाते में गई हैं. कांग्रेस ने चुनाव में  41.4 फीसदी वोट हासिल किए हैं. सीटों के हिसाब से जीत का अंतर कम होने के चलते गुजरात में बीजेपी के सामने राजनीतिक चुनौतियां भी पैदा हो गई हैं. पटेल समुदाय से आने वाले उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और कोली समुदाय से आने वाले मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी अपने विभाग के लेकर नाराजगी जता चुके हैं. हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इन दोनों नेताओं को मनचाहा विभाग देने का आश्वासन देकर शांत करा दिया है. वहीं नाराज चल रहे बीजेपी के बड़े नेताओं को कांग्रेस धड़े से प्रस्ताव दिए जा रहे हैं कि वे 10-12 विधायक को तोड़कर लाते हैं तो वे उन्हें नई सरकार गठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंप दे सकते हैं.

मोहन भागवत के बदले दिखे सुर
इससे पहले मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थापित ‘भारत माता मंदिर’ के लोर्कापण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) के प्रमुख मोहन भागवत के तेवर कुछ बदले से नजर आए. उन्होंने राममंदिर और हिंदुत्व का ज्यादा जिक्र किए बिना कहा कि भारत सिर्फ भूमि नहीं है, भारत माता के अखंड स्वरूप की भक्ति चाहिए, और सतत् उसी के बारे में सोचना चाहिए, अगर उसके लिए मरना भी पड़े, तो उसे अपना सौभाग्य समझना चाहिए. भागवत उज्जैन में 30 दिसंबर से ही मौजूद हैं. उन्होंने गुरुवार को भारत माता मंदिर के लोकार्पण समारोह और एक यज्ञ में हिस्सा लिया. मंदिर के लोकार्पण मौके पर भागवत ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए हिंदू धर्म को सत्य की सतत साधना बताया, तो भारत माता के प्रति भक्ति को जरूरी कहा.

भारत माता के प्रति भक्ति का भाव जरूरी : भागवत
संघ प्रमुख महात्मा गांधी का जिक्र तो करते हैं, लेकिन उनके प्रिय भजन- ‘ईश्वर-अल्ला तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान’ की चर्चा कभी नहीं करते, क्योंकि गांधी के इस मूलमंत्र से उनके संगठन का उद्देश्य और हित सधने वाला नहीं है.

भागवत ने कहा, “भारत सिर्फ धरती नहीं है, वह धरती तो है ही, हमारी माता भी है, उसके अखंड स्वरूप के प्रति भक्ति का भाव चाहिए. भक्ति का अर्थ है, उससे सतत् जुड़े रहना. उसके प्रति सतत् मन में भाव होना चाहिए. उसी के लिए हमारा जीवन है, उसके लिए मरना भी पड़े तो यह हमारा सौभाग्य है.”

भागवत ने आगे कहा, “हमारे यहां कहा गया है कि सारी वसुधा कुटुंब है, यह सही बात है. भारत में ऐसा जीवन खड़ा करेंगे, जिसमें सारी पृथ्वी और सृष्टि को अपना परिवार मानकर भारत को होनहार सुपुत्र की तरह परम वैभव, संपन्न, समरस, संपूर्ण, षोषण मुक्त होकर अवतरित होने से संपूर्ण दुनिया का चित्र बदलेगा.”

‘बापू ने कहा था कि हिंदू धर्म सत्य की सतत साधना है’
उन्होंने आगे कहा कि भारत माता के प्रति भक्ति का भाव और भारत को अवतरित करने के लिए अपने को बदलना होगा. अपने को बदलने के लिए संकल्प जरूरी है, संकल्प के मुताबिक, अपने को बनाना साधना है. इसके लिए निष्ठुर और कठोर भाव से अपनी एक एक चीज का परीक्षण करना होगा. इसमें मन सबसे ज्यादा बाधा डालता है, लिहाजा उससे बचना होगा.

भागवत ने हिंदू धर्म का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था, “हिंदू धर्म सत्य की सतत साधना है. इस सत्य की सतत् साधना में जीना होगा.”

Mohan bhagwat
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) के प्रमुख मोहन भागवत बीजेपी नेतृत्व में पदाधिकारी स्तर पर बदलाव चाहते हैं. तस्वीर साभार: PTI

अफसोस की बात यह है कि आजकल राजनीति में सत्य के बजाय असत्य का प्रयोग ज्यादा होने लगा है, प्रधानमंत्री तक पर असत्य बोलने का आरोप लगता है और संसद में उनके मंत्री सफाई देकर इस ओर इशारा करते हैं कि वह तो चुनावी जुमला था. यानी प्रधानमंत्री ने जो कहा, उसे सत्य न माना जाए. ऐसे में भागवत के उपदेश किसके लिए हैं, यह गहरे मंथन का विषय है.

इस मौके पर साध्वी ऋतंभरा, संघ के भैयाजी जोशी सहित अनेक लोग मौजूद रहे. लाल पत्थर से बने मंदिर में भारतमाता की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है.

Courtsey: Zee News

 

 

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