टीम इंडिया ने विराट की कप्तानी में लगातार सातवीं सीरीज जीती, ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया
अंतिम अपडेट: मंगलवार मार्च 28, 2017
धर्मशाला: विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने श्रीलंका को उसी की धरती पर साल 2015 में हराकर टेस्ट सीरीज जीत का जो सिलसिला शुरू किया था, वह अनवरत जारी है. टीम इंडिया ने अब ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर लगातार सातवीं सीरीज जीत दर्ज कर ली है. मंगलवार को उसने धर्मशाला में कंगारू टीम को 8 विकेट से हरा दिया. इसके साथ ही उसने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर भी कब्जा कर लिया, जो ऑस्ट्रेलिया के पास थी. भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच यह सीरीज रोमांच से भरपूर रही. जहां पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की, वहीं दूसरे टेस्ट में भारत ने वापसी की, जबकि तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा. ऐसे में धर्मशाला टेस्ट सीरीज के लिहाज से निर्णायक हो गया था. टीम इंडिया को सीरीज पर कब्जा करने के लिए 106 रनों की जरूरत थी, जो उसने 2 विकेट खोकर हासिल कर लिए. लोकेश राहुल (51) और अजिंक्य रहाणे (38 रन, 27 गेंद, 4 चौके, 2 छक्के) नाबाद लौटे.
लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन भारत ने दो विकेट मुरली विजय (8) और चेतेश्वर पुजारा (0) के खोए. वैसे इस मैच में कप्तानी अजिंक्य रहाणे ने की. माना जा रहा था कि विराट कोहली की गैर-मौजूदगी में टीम इंडिया दबाव में आकर बिखर जाएगी, लेकिन रहाणे ने खबसूरती से टीम को लीड किया. वैसे भी इस सीरीज में विराट का बल्ला खामोश ही रहा. हालांकि उन्होंने टीम को आक्रामक नेतृत्व दिया.
सातवीं बार जीती बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
टीम इंडिया ने आखिरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी साल 2012-13 में 4-0 से जीती थी, लेकिन साल 2014 में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर खेली गई सीरीज में उसे 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था. इस प्रकार यह ट्रॉफी इस सीरीज से पहले तक कंगारुओं के पास ही थी. इसकी शुरुआत 1996-97 में हुई थी, तब से अब तक 13 सीरीज खेली जा चुकी हैं. इनमें से 7 सीरीज टीम इंडिया ने जीती हैं, तो 5 ऑस्ट्रेलिया के नाम रहीं. 2003-04 की सीरीज ड्रॉ रही थी.
इससे पहले लगातार जीती थी 6 टेस्ट सीरीज
टीम इंडिया ने विराट की कप्तानी में लगातार 6 टेस्ट सीरीज जीतीं थीं. यह सिलसिला श्रीलंका के खिलाफ साल 2015 सीरीज जीत (2-1) से शुरू हुआ था. उसके बाद टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका (3-0), वेस्टइंडीज (2-0), न्यूजीलैंड (3-0), इंग्लैंड (4-0) और फिर बांग्लादेश (1-0) को हराया.
वैसे ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस सीरीज में सभी अनुमानों को झुठलाते हुए शानदार प्रदर्शन किया और टीम इंडिया को जीत के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. इस मैच में भी पहले दो दिन दोनों टीमों के बीच जोरदार संघर्ष देखने को मिला था. हालांकि तीसरे दिन के खेल में टीम इंडिया पूरी तरह हावी नजर आई. ऐसा रवींद्र जडेजा के ऑलराउंड प्रदर्शन के कारण संभव हुआ. जडेजा ने 63 रन बनाने के बाद गेंद से भी धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया. इसमें तेज गेंदबाज उमेश यादव और रविचंद्रन अश्विन का भी अहम योगदान रहा.
धर्मशाला में टीम इंडिया का रिकॉर्ड
धर्मशाला में पहली बार कोई टेस्ट मैच खेल गया, जिसे टीम इंडिया ने जीत लिया. इस मैदान पर इससे पहले 3 वनडे और 8 टी20 मैच हुए थे, जिनमें से टीम इंडिया ने तीन में से दो वनडे जीते हैं, जबकि एकमात्र टी20 में उसे दक्षिण अफ्रीका के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया ने यहां केवल टी-20 खेला है, जिसमें न्यूजीलैंड ने उसे हरा दिया था.
ऐसे तीसरे खिलाड़ी बने जडेजा
रवींद्र जडेजा ने इस सीजन में गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल दिखाया है. उन्होंने 2016-17 के सीजन में 50 से अधिक के स्कोर बनाए हैं. धर्मशाला में उन्होंने करियर की सातवीं फिफ्टी ठोकी, जो ऐसे समय आई है, जब टीम इंडिया को इसकी खासी जरूरत थी. विश्व क्रिकेट में जडेजा सहित तीन खिलाड़ी ही ऐसे हैं, जिन्होंने किसी सीजन विशेष में 500 से अधिक रन बनाने के साथ ही 50 से अधिक विकेट भी लिए हैं. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के मिचेल जॉनसन ने 2008-09 के सीजन में और भारत के ही कपिल देव ने 1979-80 के सीजन में यह कमाल किया था.
तीसरे दिन : गिरे 14 विकेट, लड़खड़ाई ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी
पहले दो दिन दोनों ही टीमें बराबरी पर नजर आ रहीं थीं, लेकिन तीसरे दिन मैच ने पलटा खाया और टीम इंडिया पूरी तरह हावी हो गई. भारत ने तीसरे दिन 248/6 के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया और उसकी पारी 332 पर समाप्त हो गई. भारत ने दिन में 4 विकेट खोए. इसके बाद उसने ऑस्ट्रेलिया को 54 ओवर में ही सभी 10 विकेट लेते हुए 137 रन पर समेट दिया. ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में ग्लेन मैक्सवेल के अलावा कोई भी कंगारू बल्लेबाज टिक नहीं पाया. पहली पारी में भारत से 32 रन से पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी लड़खड़ा गई. ग्लेन मैक्सवेल ने सर्वाधिक 45 रन बनाए, जिसमें 6 चौके और एक छक्का जड़ा. मैथ्यू वेड 25 रन पर नाबाद रहे. अन्य कोई भी बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल पाया. 6 बल्लेबाज तो दहाई अंक तक भी नहीं पहुंचे. उमेश यादव ने डेविड वॉर्नर को 6 रन पर कीपर साहा के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलाई, फिर भुवनेश्वर कुमार ने पहली पारी के शतकवीर स्टीव स्मिथ को बोल्ड कर दिया. इसके बाद उमेश ने मैट रेनशॉ को पैवेलियन की राह दिखाकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को जोरदार झटका दिया. दूसरी पारी में पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 137 रन पर ही सिमट गई. रवींद्र जेडजा, आर अश्विन और उमेश यादव ने तीन-तीन विकेट, तो भुवनेश्वर ने एक विकेट लिया.दिन के खेल में लंच से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 300 रनों के जवाब में टीम इंडिया की पहली पारी 332 रनों पर सिमट गई. इस प्रकार टीम इंडिया को पहली पारी में 32 रनों की बढ़त मिली थी.
ऑस्ट्रेलिया का विकेट पतन : 1/10 (डेविड वॉर्नर- 6 रन), 2/31 (स्टीव स्मिथ- 17 रन), 3/31 (मैट रेनशॉ- 8 रन), 4/87 (पीटर हैंड्सकॉम्ब- 18 रन), 5/92 (शॉन मार्श- 1), 6/106 (ग्लेन मैक्सवेल- 45 रन), 7/121 (पैट कमिन्स- 12 रन), 8/121 (स्टीव ओकीफी- 0), 9/122 (नैथन लियोन- 0), 10/137 (जॉश हेजलवुड- 0)
दूसरे दिन का खेल : राहुल ने जीवनदान मिलने पर फिफ्टी तो लगाई, लेकिन…
विराट कोहली की गैर-मौजूदगी में टीम इंडिया की बैटिंग बिखर गई. हालांकि चेतेश्वर पुजारा (57) और लोकेश राहुल (60) ने फिफ्टी बनाई, लेकिन उसे बड़ी पारी में नहीं बदल पाए. चेतेश्वर पुजारा ने 132 गेंदों में फिफ्टी पूरी की और 57 रन बनाकर लौटे, जबकि लोकेश राहुल 60 रन जोड़कर आउट हुए. कप्तान अजिंक्य रहाणे भी 46 रन जोड़कर लौट गए. पुजारा और राहुल के बीच 87 रन, तो पुजारा-रहाणे के बीच तीसरे विकेट के लिए 49 रन की साझेदारी हुई. रहाणे ने आर अश्विन के साथ भी 49 रन जोड़े. अश्विन ने कुल 30 रन बनाए. इस सीरीज में यह उनकी पांचवीं फिफ्टी रही. राहुल को 10 रन पर किस्मत का साथ भी मिला, लेकिन वह फायदा नहीं उठा पाए. पैट कमिन्स की गेंद पर मैट रेनशॉ ने उनका कैच फर्स्ट स्लिप पर छोड़ा. हालांकि कैच थोड़ा मुश्किल था. इसके बाद रेनशॉ ने ऋद्धिमान साहा का आसान-सा कैच भी टपका दिया. साहा उस समय 9 रन पर खेल रहे थे. टीम इंडिया ने दिन का खेल खत्म होने तक 6 विकेट पर 248 रन बना लिए. दिन का खेल खत्म होने तक ऋद्धिमान साहा (10) और रवींद्र जडेजा (16) नाबाद लौटे.
पहले दिन के खेल का अपडेट : हावी रहा ‘यादव फैक्टर’, स्मिथ भी छाए
टीम इंडिया की ओर से ‘यादव फैक्टर’ हावी रहा. छह विकेट तो उनके ही खाते में गए. सबसे पहले उमेश यादव ने सीरीज में शानदार फॉर्म में चल रहे मैट रेनशॉ (1) को पौवेलियन भेजा. फिर कप्तान स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर ने 134 रनों की साझेदारी करके इंडिया को विकेट के लिए तरसा दिया, लेकिन कुलदीप यादव ने अपनी करिश्माई गेंदबाजी से कंगारुओं को बैकफुट पर धकेल दिया. जहां एक समय स्कोर एक विकेट पर 144 रन था, वहीं देखते ही देखते वह पांच विकेट पर 178 रन हो गया. हालांकि इस बीच स्टीव स्मिथ ने एक छोर संभाले रखा और 150 गेंदों में सीरीज का तीसरा शतक (111 रन) लगाया. डेविड वॉर्नर ने सीरीज की पहली फिफ्टी बनाई. वॉर्नर को पारी की पहली ही गेंद पर जीवनदान भी मिला था. वॉर्नर-स्मिथ के बाद कोई बड़ी साझेदारी नहीं हुई. छठे विकेट के लिए स्मिथ और मैथ्यू वेड ने 30 रन, तो सातवें विकेट के लिए वेड और पैट कमिन्स ने 37 रन जोड़े. उमेश यादव ने दो विकेट झटके. इंडिया के लिए कुलदीप यादव ने 4 विकेट, तो उमेश यादव ने दो विकेट, वहीं आर अश्विन, भुवनेश्वर कुमार और रवींद्र जडेजा ने एक-एक विकेट लिया, जबकि एक खिलाड़ी रनआउट हुआ.