सहवाग ने खोला राज, कुंबले को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से रोकने की थी ना’पाक’ साजिश

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Updated: February 8, 2017

‘किस्मत के आगे सभी साजिश फेल…’ यह ट्वीट करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने 18 साल पुरानी वो सुनहरी यादें ताजा कर दी, जब दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के सभी बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था.

वीरेंद्र सहवाग ने वसीम अकरम के हवाले से अपने टि्वटर पेज पर एक पोस्ट शेयर किया है.

उस मैच में पाकिस्तान की आखिरी जोड़ी (वसीम अकरम और वकार युनूस) क्रीज पर मौजूद थी. कुंबले की झोली में पाकिस्तान के 9 विकेट आ चुके थे और वे ‘परफेक्ट टेन’ से महज एक कदम दूर थे. ऐसे में अकरम के पास वकार आए और बोले- रन आउट के बारे में तुम्हारा क्या विचार है?

अकरम ने युनूस से कहा, ‘यदि उसकी (कुंबले) किस्मत में 10 विकेट लेना लिखा है तो तुम उसे रोक नहीं सकते. लेकिन मैं तुम्हें यकीन दिलाता हूं कि मैं अपना विकेट आसानी से नहीं दूंगा. वैसे यह संयोग देखिए कि कुंबले ने आखिरी विकेट मेरा (अकरम) ही लिया.’

1999 में कोटला स्टेडियम में खेले गए उस टेस्ट मैच में कुंबले ने 74 रन लेकर 10 विकेट झटके थे. क्रिकेट इतिहास में ऐसा कारनामा करने वाले कुंबले दूसरे बॉलर थे. इससे पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने यह कामयाबी हासिल की थी.

इस खास दिन को याद करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया, ‘किस्मत के आगे सभी साजिश फेल. वसीम भाई आपने बहुत अच्छा किया. कोटला में अनिल भाई ने उस दिन को यादगार बना डाला था.’

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Kismat ke aage ,all saazish fail.
Well done Wasim bhai.
What a day it was at the Kotla by Anil bhai.

हरभजन सिंह ने लिखा है, ‘टीम इंडिया के लिए अनिल कुंबले अब तक के सबसे बड़े मैच विनर रहे हैं.’

अनिल कुंबले ने भी उस दिन को याद करते हुए ट्वीट किया है, ‘उस दिन की यादें ताजा करने के लिए सभी को तहेदिल से शुक्रिया. यह मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा पलों में से एक था.’

Thank you for bringing back the memories of that game. One of my most cherished cricketing moment. https://twitter.com/BarnesRoyston/status/828834751230394368 

‘परफेक्ट 10’ हो सकता है आगे कभी न हो…

अब कुंबले 46 साल के हैं और भारतीय टीम के मुख्य कोच हैं. दुनिया जानती है कि 74 रन देकर दस विकेट का जादुई आंकड़ा भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले इस गेंदबाज के लिए क्या मायने रखता है.

कुंबले ने अपनी उस उपलब्धि को याद करते हुए कहा, ‘18 साल पहले जब मैं फील्डिंग के लिए उतरने से पहले ड्रेसिंग रूम में बैठा था तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं दस विकेट हासिल करूंगा. यह ऐसी चीजें जो कभी-कभार ही होती है. क्रिकेट की किसी बड़ी उपलब्धि की वषर्गांठ मनाना भी अच्छा है.’

दिलचस्प बात यह है कि पिछले 18 साल में कोई भी अन्य गेंदबाज पारी में दस विकेट नहीं ले पाया.

कुंबले ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके प्रशंसक हर साल इस खास उपलब्धि को याद करते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि लोग हर साल इस दिन को याद करते हैं और हम भी उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं. यह दुर्लभ उपलब्धि है, लेकिन ऐसा कल भी हो सकता हैं.’

कुंबले से पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने 1956 में ओल्ड ट्रैफर्ड में यह उपलब्धि हासिल की थी.

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