October 13, 2025

पेरिस ओलंपिक 2024: भारत सरकार ने खर्च किए 470 करोड़, कैसा रहा प्रदर्शन?

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Updated at : 10 Aug 2024 ,

भारत ने अपना ओलंपिक सफर 1900 में नॉर्मन प्रिचर्ड के साथ शुरू किया था. तब देश के पहले एथलीट ने पुरुषों की 200 मीटर हर्डल्स में पहला मेडल जीता था. तब से भारत ने 25 ओलंपिक गेम्स में 40 मेडल जीते हैं, जिनमें गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.

एक समय भारत की पुरुष हॉकी टीम ओलंपिक में दबदबा रखती थी, जिसने 1928 से 1980 के बीच 12 में से 11 मेडल जीते. इनमें 8 गोल्ड मेडल शामिल थे जिनमें से छह लगातार 1928 से 1956 तक जीते गए थे.

पिछले टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत ने कुल 7 मेडल जीते थे और इस बार पेरिस ओलंपिक 2024 में उससे बेहतर करने की उम्मीद के साथ 117 खिलाड़ी भेजे गए. हालांकि भारत के खाते में अब तक छह मेडल आए हैं. इनमें पांच ब्रॉन्ज और एक सिल्वर मेडल है. इस बार गोल्ड मेडल एक भी नहीं है.

खेल मंत्रालय के अनुसार, पेरिस 2024 ओलंपिक गेम्स के लिए भारत सरकार ने भारतीय खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन करने के लिए 470 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. ये पैसा खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग, इक्विपमेंट्स और अन्य सुविधाएं देने में मदद करता है ताकि वे ओलंपिक में देश के लिए पदक जीत सकें. इस फंड को अलग-अलग खेलों में बांटा गया है.

ओडिशा सरकार का हॉकी पर खर्च
ओडिशा सरकार साल 2018 से हॉकी को स्पॉन्सर कर रही है और आर्थिक मदद भी दे रही है. हाल ही में उन्होंने 2036 तक स्पॉन्सरशिप का करार बढ़ा दिया है. पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए सबसे निराशाजनक नतीजे बैडमिंटन से आए हैं, जहां एक भी मेडल नहीं जीता जा सका. पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी जैसे स्टार खिलाड़ी, जिनसे पदक की उम्मीद थी एक भी मेडल नहीं जीत सके.

बैडमिंटन को मिला दूसरा सबसे ज्यादा फंड
भारत सरकार ने बैडमिंटन के लिए 72.03 करोड़ रुपये खर्च किए. इस पैसे से 7 बैडमिंटन खिलाड़ियों को तैयार किया गया. इन्हें 13 नेशनल और 81 विदेश दौरे कराए गए.

पेरिस ओलंपिक में पीवी सिंधु, चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी से खास उम्मीद थी. सिंधु ने पिछले दो ओलंपिक में मेडल जीता है. वहीं चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक के साथ-साथ एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.

एथलेटिक्स पर सबसे ज्यादा खर्चा
भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 16 अलग-अलग गेम्स में 117 खिलाड़ियों को 470 करोड़ रुपये का फंड खर्च किया. इनमें एथलेटिक्स पर सबसे ज्यादा 96.08 करोड़ रुपये खर्च हुआ. इस पैसे से 29 एथलीटों को तैयार किया गया. पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए 36 नेशनल कैंप और 85 विदेश दौरे कराए गए. इनमें केवल नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक में सिल्वर मेडल जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया.

हॉकी को 41.30 करोड़ का फंड
हॉकी के लिए कुल 41.30 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई. पेरिस 2024 के लिए भारत सरकार ने 76 नेशनल कैंप और 36 विदेश दौरे कराए जिसमें 33 टॉप्स कोर प्लेयर शामिल थे. पेरिस ओलंपिक में सिर्फ पुरुष हॉकी टीम ने ही हिस्सा लिया, क्योंकि महिला टीम क्वालिफाई नहीं कर पाई थी.

वहीं तीरंदाजी के लिए 39.18 करोड़ रुपये दिए. इस पैसे से 6 तीरंदाजों को तैयार किया गया. पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए 41 राष्ट्रीय कैंप और 24 विदेश दौरे कराए गए. इनमें से 5 टॉप खिलाड़ी और 13 उभरते हुए तीरंदाजों को खास ध्यान दिया गया. पेरिस ओलंपिक में तरुणदीप राय और दीपिका कुमारी पर खास नजर है. दोनों का चौथा ओलंपिक है. वहीं शूटिंग के लिए 60.42 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसमें 21 खिलाड़ियों की तैयारी के लिए सरकार ने भरपूर मदद की. कुल 96 विदेश दौरे और 45 नेशनल कैंप लगाए गए.

2024 में किस खिलाड़ी ने भारत के लिए जीते मेडल
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का खाता खोला. इसके साथ ही वह ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गईं. हालांकि फाइनल में वह कोरिया की ओह ये जिन और किम येजी से पीछे रहीं. इसके कुछ दिनों बाद मनु भाकर ने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में एक ब्रॉन्ज मेडल जीता.

स्वप्निल कुसाले ने पेरिस 2024 में भारत का तीसरा मेडल जीता. उन्होंने पुरुषों की 10 मीटर 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसके बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर ओलंपिक में लगातार दूसरा मेडल जीता. 1968, 1972 और 2020 के खेलों के बाद यह भारतीय हॉकी का चौथा ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल था. कप्तान हरमनप्रीत सिंह पेरिस में भारत के स्टार रहे और उन्होंने 10 गोल किए.

भारत को पांचवां मेडल नीरज चोपड़ा ने दिलाया. नीरज चोपड़ा पेरिस 2024 में भाला फेंक में अपना खिताब बचाने में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने 89.45 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया और सिल्वर मेडल जीता. गोल्ड मेडल पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जीता.

अमन सहरावत ने पुरुषों की 57 किलो ग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत के लिए छठा और लगातार दूसरी बार मेडल जीता. हालांकि, इस बार यह अमन सहरावत के हाथों ब्रॉन्ज मेडल था. भारतीय पहलवान ने कांस्य पदक मुकाबले में पुएर्टो रिको के डेरियन क्रूज को 13-5 से हराया.

ओलंपिक 2024 में भारत से आगे पाकिस्तान
पेरिस ओलंपिक 2024 की मेडल टैली में भारत अभी फिलहाल 69वें स्थान पर है. इस लिस्ट में पाकिस्तान एक गोल्ड मेडल के साथ 58वें स्थान पर काबिज है. हालांकि भारत ने पाकिस्तान से ज्यादा मेडल जीते हैं लेकिन फिर भी रैंकिंग में 10 स्थान नीचे है.

पहलवान विनेश फोगाट के 50 किलो महिला फ्रीस्टाइल फाइनल से पहले ही अयोग्य घोषित होने के बाद नीरज चोपड़ा देश की सबसे बड़ी गोल्ड मेडल की उम्मीद थे. लेकिन नीरज भी भारत को वह मेडल नहीं दिला सके. पाकिस्तान के अरशद नदीम ने उन्हें हरा दिया. पुरुषों की भाला फेंक फाइनल के नतीजों के बाद पाकिस्तान मेडल टैली में भारत से आगे निकल गया.

ओलंपिक में देशों की सफलता का अंदाजा आमतौर पर गोल्ड मेडल की संख्या के आधार पर लगाया जाता है. अगर किसी देश के पास 10 सिल्वर या ब्रॉन्ज मेडल  हैं, तो उसे एक गोल्ड मेडल वाले देश से नीचे रखा जाएगा. सिल्वर या ब्रॉन्ज मेडल की संख्या तभी मायने रखती है जब दो देशों के गोल्ड बराबर हों.

पाक ने 40 साल बाद जीता गोल्ड
पाकिस्तान ने भाला फेंक में अरशद नदीम के जरिए 40 साल बाद अपना पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने न सिर्फ गोल्ड जीता बल्कि एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड भी बनाया. पाकिस्तान के पास अब तक ओलंपिक में कुल तीन गोल्ड मेडल हैं, जो सभी हॉकी टीम ने साल 1960, 1968 और 1984 में जीते थे.

पाकिस्तान के इतिहास में सिर्फ दो खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत ओलंपिक मेडल जीते हैं. दोनों ब्रॉन्ज मेडल थे एक कुश्ती में 1960 में और दूसरा मुक्केबाजी में 1988 में. पाकिस्तान ने आखिरी बार 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

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