भारत का इकलौता थाना, जहां भगवान हैं असली थाना प्रभारी! MP वाकई में गजब है
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खंडवा जिले के मोघट थाने की कहानी सुनते ही एक अलग ही श्रद्धा का भाव मन में उमड़ आता है. यहां थाना प्रभारी कोई इंसान नहीं, बल्कि स्वयं संकटमोचन हनुमान जी माने जाते हैं. हर पुलिसकर्मी और स्थानीय नागरिक का यही विश्वास है कि इस थाने का संचालन प्रभु की कृपा से होता है.
हर दिन बजरंग बली को सलामी
यहां परंपरा है कि हर नया अधिकारी जब थाने में प्रवेश करता है, तो सबसे पहले मुख्य द्वार पर स्थापित बजरंग बली की प्रतिमा को सलामी देता है. माना जाता है कि यदि कोई इस परंपरा का उल्लंघन करता है, तो उसे अनहोनी का सामना करना पड़ सकता है.
40 सालों से हनुमान भक्ति का प्रभाव
पिछले चार दशकों से, जो भी अधिकारी पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान जी की उपासना करता है, वही थाने में सफलतापूर्वक कार्यकाल पूरा कर पाया है. सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ और आरती यहां की दिनचर्या का अहम हिस्सा है.
शमशान भूमि से शुरू हुई थी थाने की यात्रा
मोघट थाना जिस स्थान पर स्थित है, वह पहले एक शमशान भूमि थी. जब यहां थाना बना, तो अपराधों और समस्याओं का सिलसिला शुरू हो गया. 90 के दशक में हालात इतने बिगड़ गए थे कि पुलिसकर्मियों को निलंबन और विभागीय जांच जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
हनुमान प्रतिमा की स्थापना से बदली किस्मत
इन कठिनाइयों से जूझते हुए पुलिसकर्मियों ने मिलकर मुख्य द्वार पर बजरंग बली की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया. इसके बाद थाने का माहौल बदल गया और अपराध दर में भी गिरावट आने लगी.
हनुमान जयंती
प्रत्येक वर्ष हनुमान जयंती के अवसर पर मोघट थाने में विशेष आयोजन होता है. पुलिसकर्मी अपने हाथों से प्रसाद तैयार करते हैं और पूरे थाना परिसर में भंडारा आयोजित किया जाता है. इस आयोजन में 5000 से ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं.
आस्था और प्रशासन का अद्भुत संगम
मोघट थाना आज एक धार्मिक आस्था का प्रतीक बन चुका है, जहां सेवा और सुरक्षा दोनों का जिम्मा बजरंग बली के आशीर्वाद से निभाया जाता है. पुलिसकर्मी और नागरिक दोनों इस विश्वास के साथ जीवन जीते हैं कि बजरंग बली की कृपा से हर कठिनाई का समाधान संभव है.
