September 11, 2025

क्या है RBI की डिजिटल करेंसी और यह कैसे करेगी काम

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Updated on: Nov 03, 2022

रिजर्व बैंक मंगलवार को उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जिनकी अपनी डिजिटल करेंसी है. यानी भारत का अब अपना डिजिटल रुपया होगा. डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है और इसका इस्तेमाल अभी सरकारी प्रतिभूतियों के लेनदेन के लिए किया जा रहा है. अभी होलसेल सेगमेंट में ही डिजिटल रुपये से लेनदेन होगा. रिटेलर्स के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत एक महीने में शुरू की जाएगी. होलसेल सेगमेंट में अभी देश के 9 बैंकों को चुना गया है जिनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल हैं.

डिजिटल करेंसी का सबसे बड़ा फायदा दूसरे देशों में लेनदेन करने और एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांजैक्शन करने में आसानी होगी. यह काम बेहद तेज होगा. डिजिटल करेंसी को समझने के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन और डिजिटल रुपये के अंतर को समझना होगा. डिजिटल ट्रांजैक्शन वो होता है जिसमें हम अपने रुपये-पैसे को डिजिटल माध्यम से किसी को देते हैं. दुकानदार हो या किसी दूसरे व्यक्ति को आपको पैसे देने हों. इसमें हम अपने रुपये-पैसे को डिजिटल तरीके से दूसरे को देते हैं. इसे डिजिटल ट्रांजैक्शन कहते हैं जो कि डिजिटल करेंसी से बिल्कुल अलग है.

डिजिटल करेंसी में आपका रुपया ही पूरी तरह से डिजटल होगा. डिजिटल ट्रांजैक्शन में आपका रुपया डिजिटल नहीं होता बल्कि उसे भेजने का तरीका डिजिटल होता है. डिजिटल करेंसी में ऐसा नहीं होगा क्योंकि आप डिजिटल ट्रांजैक्शन करते वक्त किसी को डिजिटल रुपया ही देंगे. भारत का डिजिटल रुपया कैसा होगा, अभी इसका कोई स्वरूप निश्चित नहीं है. अभी थोक ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपये का इस्तेमाल हो रहा है जिसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इस काम में अभी 9 बैकों को शामिल किया गया है जो डिजिटल रुपये के माध्यम से एक दूसरे को मनी ट्रांसफर करते हैं या लेनदेन करते हैं.

क्या है डिजिटल रुपया

जैसा कि नाम से स्पष्ट है, डिजिटल रुपया आपके बैंक नोट का ही डिजिटल स्वरूप होगा. डिजिटल रुपये का नाम ही सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या सीबीडीसी है. यह किसी करेंसी नोट का डिजिटल फॉर्म है जिसे रिजर्व बैंक जारी करेगा. बैंक नोट भी रिजर्व बैंक ही जारी करता है, उसी तरह नोट के बदले रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा. जैसे हम किसी को नोट देते हैं, उसी तरह डिजिटल रुपया भी देंगे. लेकिन देने का माध्यम पूरी तरह अलग होगा. डिजिटल रुपये को बैंक नोट की तरह हाथ से नहीं दिया जाएगा बल्कि डिजिटल तरीके से दिया जाएगा. जैसे मोबाइल से या इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा. हो सकता है मैसेज के जरिये भी डिजिटल रुपया दूसरे को दिया जाए. अभी इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

कैसे होगा ट्रांजैक्शन

जैसे हम दुकानदार को पूछते हैं कि क्या नोट के बदले पेटीएम या गूगलपे से पैसे दे सकते हैं. उसी तरह हम नोट के बदले अपने खाते से डिजिटल रुपया दे सकेंगे. ऐसे ही, हम किसी से नोट के बदले डिजिटल रुपये का लेनदेन कर सकेंगे. डिजिटल रुपये के आने से बैंकनोट बंद नहीं होंगे बल्कि लोगों को लेनदेन का एक अतिरिक्त साधन मिलेगा. सबसे बड़ा अंतर यह होगा कि अभी हम खाते में अपना रुपया जमा करते हैं या रुपये के बदले डिजिटल ट्रांजैक्शन से रकम जमा कराई जाती है. डिजिटल करेंसी में रुपये के बदले डिजिटल रुपया ही जमा होगा जो कि पूरी तरह से डिजिटल होगा.

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