छिड़ सकता है एक और नया ‘युद्ध’, ईरान के साथ अमेरिका और इजरायल के टकराव ने बढ़ाई दुनिया की टेंशन

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फरवरी से पूरी दुनिया का ध्यान मुख्य रूप से यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध पर केंद्रित है। लेकिन इस बीच एक और नया युद्ध छिड़ सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका (United States America) और इजराइल (Israel) के साथ ईरान (Iran) के बीच टकराव खतरनाक रूप से बढ़ रहा है और यह अपरंपरागत युद्ध का रूप ले सकता है। हाल के महीनों में तेहरान और पश्चिम के बीच टकराव बहुत बढ़ गया है, जो एक युद्ध में बदल सकता है। मध्य पूर्व के कुछ जानकार मानते हैं कि तीनों के बीच तीन ऐसे मुद्दे हैं, जिसके बाद अमेरिका और ईरान (America vs Iran) के बीच या इजराइल और ईरान (Israel vs Iran) के बीच अपरंपरागत युद्ध छिड़ सकता है।

यह खतरनाक स्थिति मूल रूप से तीन कारणों से होती है:

सबसे पहले- पक्षों की परमाणु डील पर समझौते तक पहुंचने में विफलता शामिल है, जो ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों को काफी कम कर देगी और बदले में तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम को कम करेगा और अंतरराष्ट्रीय निगरानी की अनुमति देगा।

दूसरा- रूसी सेना को सैकड़ों सस्ते ईरानी ड्रोन की आपूर्ति, जिसका उपयोग वह यूक्रेन की बिजली और पानी की आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए कर रहा है। ईरानी ड्रोन का उपयोग लाखों यूक्रेनी नागरिकों के लिए गंभीर कठिनाई पैदा कर रहा है।

तीसरा- सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ईरानी प्रदर्शनकारियों का क्रूर दमन, गोला-बारूद का इस्तेमाल करना और सैकड़ों लोगों को मारना और 1000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजना।

ईरान ने शनिवार को देश के दक्षिण पश्चिम में एक नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण शुरू किया। ईरान के दूसरे देशों के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के हाथ खींचने के बाद लागू पाबंदियों को लेकर दोनों देशों में तनाव के बीच यह फैसला आया था। पिछले महीने ईरान ने घोषणा की कि वह अपने फोर्डो संयंत्र में 60% शुद्धता पर यूरेनियम का संवर्धन शुरू करेगा, जिसे मिसाइल हमलों या हवाई हमलों से बचाया जा सकता है। इसे पश्चिम द्वारा एक गंभीर उकसावे के रूप में देखा गया।

उधर, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ-साथ कई इजराइली नेताओं ने बार-बार चेतावनी दी है कि ईरान को परमाणु बम प्राप्त करने से रोकने के लिए जो भी करना पड़े, वह करने के लिए तैयार हैं। इजरायल आत्मरक्षा के लिए अपने अधिकार का उपयोग करेगा।

एक और मुद्दा है, जो सामान्य रूप से नाटो सहयोगियों और पश्चिम के बीच चिंता पैदा करता है। वह यह है कि रूस इन दिनों सस्ते ईरानी ड्रोन खरीद रहा है, जिनका इस्तेमाल यूक्रेन में किया जा रहा है। हालांकि यह स्थिति जल्द ही बदल सकती है, क्योंकि यूक्रेन के एक हथियार निर्माता का दावा है कि वह ईरानी ड्रोन के मुकाबले के लिए एक ड्रोन विकसित कर रहा है। इसलिए यूक्रेन भी जल्द ही मॉस्को को ‘जैसे को तैसा’ वाला जवाब देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता है।

वहीं एक अन्य बिंदु ये भी है कि मुस्लिम महिला महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान जल रहा था। अमिनी की मौत पर पश्चिम देशों ने खुलकर ईरान की निंदा की है। जबकि इस्लामिक शासन पश्चिम पर देश में अशांति और प्रदर्शनों का शोषण करने का आरोप लगाता है। ईरानी विदेश मंत्री ने हाल ही में चेतावनी देते हुए कहा था कि इजराइल और कुछ पश्चिमी राजनेताओं ने ईरान के खिलाफ साजिश रची, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि ईरान लीबिया या सूडान नहीं है। तेहरान ने संयुक्त राज्य अमेरिका, इजराइल, यूनाइटेड किंगडम और सऊदी अरब पर विरोध प्रदर्शनों के पीछे होने का आरोप लगाया है।

इसके अलावा अमेरिकी सरकार लगातार ईरान पर आतंकियों की मदद करने का आरोप लगाती है। अमेरिकी सरकार कहती है कि ईरान आतंकवादी वित्तपोषण के लिए एक साल में एक अरब डॉलर से अधिक खर्च कर रहा है और तेहरान को आतंकवाद का सबसे प्रमुख राज्य प्रायोजक मानता है। इस कारण से इसने कई ईरानी अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

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