भोपाल गैंगरेप में बड़ी लापरवाही, रेप को बताया ‘सहमति से बनाए संबंध’

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा से गैंगरेप मामले में एक और चौंकाने वाली लापरवाही का खुलासा हुआ है. पीड़िता की पहली मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप के बजाए ‘आपसी सहमति’ से संबंध बनाने की बात कही गयी है.

सूत्रों के अनुसार, गैंगरेप पीड़िता का पहला मेडिकल परीक्षण सुल्तानिया अस्पताल में किया गया था. यहां जिस महिला डॉक्टर ने पीड़िता का चैकअप किया था, उसने अपनी रिपोर्ट में गैंगरेप के बजाए आपसी सहमति से बनाए गए संबंध का जिक्र किया था.

इस मामले में बवाल होने के बाद पीड़िता का दूसरी बार मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें गैंगरेप की पुष्टि हुई है. दूसरी रिपोर्ट में चार आरोपियों द्वारा रेप किए जाने की बात कही गई है.

गैंगरेप का यह पूरा मामला शुरू से ही सिस्टम की लापरवाही का नमूना बनकर रह गया है. पहले भोपाल पुलिस पीड़ित छात्रा और उसके परिजन को एफआईआर दर्ज करने के लिए दिनभर घूमाती रही. पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों ने बार-बार घटना स्थल का निरीक्षण और बयान दर्ज कर पीड़ित छात्रा और उनके परिजनों को परेशान किया.

31 अक्टूबर की देर शाम भोपाल आरपीएफ में पदस्थ एएसआई की बेटी के साथ चार आरोपियों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. घटना हबीबगंज आरपीएफ चौकी के पास हुई. पीड़िता ने परिजनों के साथ खुद एक आरोपी को पकड़ा और पुलिस के हवाले किया.

पुलिस ने गैंगरेप के करीब 24 घंटे बाद केस दर्ज किया. बाद में जीआरपी ने फरार चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

गैंगरेप की घटना के बाद पीड़ित और उसके परिजन भटकते रहे.
> घटना के दूसरे दिन 1 नवंबर की सुबह 10 बजे पीड़ित माता-पिता के साथ एमपी नगर थाने पहुंची.
> एमपी नगर का थाना स्टाफ पीड़ित और परिजन को लेकर घटना स्थल पर पहुंचा.
> थाना क्षेत्र का मामला होने के कारण पुलिस स्टॉफ ने पीड़ित और परिजनों को हबीबगंज थाने भेज दिया.
> एमपी नगर थाने के स्टाफ ने घटना के निरीक्षण के बाद पीड़ित और उसके माता-पिता के बयान भी लिए.
> 5 घंटे की खानापूर्ति के बाद पुलिस के कहने पर शाम 4 बजे पीड़ित छात्रा हबीबगंज पुलिस थाने पहुंची.
> हबीबगंज टीआई पीड़ित और उसके परिजन को लेकर फिर घटना स्थल पहुंचे.
> घटना की सूचना मिलने पर पुलिस के एएसपी, सीएसपी, जीआरपी, आरपीएफ स्टाफ भी मौके पर आ गया.
> पुलिस की तमाम खानापूर्ति की कार्रवाई के बाद आखिर में हबीबगंज जीआरपी थाने में ही शाम 7 बजे एफआईआर दर्ज हुई.
> भोपाल पुलिस की वजह से पीड़ित और उसके माता-पिता पूरे 9 घंटे परेशान होते रहे.

इस मामले में लापरवाही बरतने पर तीन थाना प्रभारियों और दो एसआई को सस्पेंड कर दिया गया. भोपाल आईजी, एसपी रेल और एमपी नगर सीएसपी का भी तबादला कर दिया गया.

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