कमलनाथ के ‘आइटम’ वाले विवादित बयान पर इमरती देवी का पलटवार,मौन धरने पर बैठे CM शिवराज
भोपाल, 19 अक्टूबर 2020,
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के ‘आइटम’ वाले बयान पर बीजेपी नेता इमरती देवी (Imarti Devi) ने पलटवार किया है. दरअसल, मध्य प्रदेश में उपचुनाव हो रहे हैं और कमलनाथ डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे. इस दौरान वह अपनी मर्यादा भूल गए और बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी को आइटम कह दिया, वहीं अजय सिंह ने जलेबी बोल दिया.
इमरती देवी ने सोनिया गांधी से की ये मांग
इस पर पलटवार करते हुए इमरती देवी (Imarti Devi) ने कहा, “ऐसे लोगों (पूर्व सीएम कमलनाथ) को मध्य प्रदेश में रहने का कोई अधिकार नहीं है. पता नहीं कहां से आए हैं, बंगाल से आए हैं. आज हमारे मध्य प्रदेश में महिला शक्ति को सशक्त माना जाता है. घर में लक्ष्मी माना जाता है. आज उन्होंने मध्य प्रदेश की सारी लक्ष्मियों (महिलाओं) को गाली दी है.” उन्होंने आगे कहा, “मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उन्हें पार्टी से निकालने की मांग करती हूं. वह एक महिला और एक मां भी हैं, क्या वह बर्दाश्त करेंगी अगर कोई उनकी बेटी के बारे में ऐसा कुछ कहेगा?”
कमलनाथ ने दी अपने बयान पर सफाई
विवाद के बाद कमलनाथ ने सफाई दी और कहा, “शिवराज जी आप कह रहे हैं कमलनाथ ने आइटम कहा. हां मैंने आइटम कहा है, क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है. मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम है और इस अर्थ में हम सभी आइटम है. लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, क्या यह असम्मानजनक है? सामने आइए और मुकाबला कीजिए. सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं, जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो.”
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आई हैं इमरती देवी
इमरती देवी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आई हैं और इससे पहले कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थी. वह उन पूर्व विधायकों में से एक हैं, जो इस साल मार्च में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. 14 अप्रैल 1975 को मध्य प्रदेश के दतिया में जन्मी इमरती देवी अनुसूचित जाति/जनजाति हित रक्षा संघ की संरक्षक भी रही हैं.
कमलनाथ के इसी बयान के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मौन धरने पर बैठ गए हैं.
ये धरना करीब दो घंटे तक चलेगा, शिवराज के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में धरने पर बैठे हैं. तो वहीं भाजपा के अन्य नेता अलग-अलग हिस्सों में मौन प्रदर्शन कर रहे हैं.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है, जिसके नतीजे बिहार के साथ ही 10 नवंबर को आएंगे. शिवराज सिंह चौहान की सरकार को बरकरार रखने और मजबूती के लिए भाजपा को इन सीटों में से अधिकतर पर जीत हासिल करना जरूरी है.