नकली ब्रैंड पहनकर इस देश में मत जाना, वरना सीधे पहुंच जाओगे जेल!

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अमेरिका जाने वाले यात्री कृपया ध्यान दें. यदि आपने प्यूमा, एडिडास या नाइक जैसे किसी ब्रैंड की नकल (डुप्लिकेट जैसा) पहनी है और आप हवाई जहाज से अमेरिका पहुंच रहे हैं तो आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. संयुक्त राज्य अमेरिका के सीमा शुल्क अधिकारी आपके इन कपड़ों, जूतों, गहनों या बैग को जब्त कर सकते हैं, यह भी हो सकता है कि वे इसे नष्ट कर दें! यह भी हो सकता है कि आप पर केस दर्ज हो जाए.
दरअसल अमेरिका के कस्टम ऑफिसरों ने नकली सामानों की तस्करी का सुपरविजन यानी निगरानी बढ़ा दी है. इसी के तहत हाल के महीनों में अमेरिका में उड़ान भरने वाले कई भारतीय छात्रों और यात्रियों से कई महंगी लग्जरी आइटम जब्त कर लिए गए. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्ट पर एंट्री के दौरान लोगों ने देखा कि कैसे अमेरिकी अधिकारी और कर्मचारी लोगों के ऐसे कपड़ों और सामान पर ‘कैंची चला’ रहे थे. कई बार ये सामान कूड़ेदान में फेंक देते हैं.
सीबीपी (U.S. Customs and Border Protection) के नियम तो कहते हैं कि आप किसी भी तरह की नकली वस्तु (जैसे एक शर्ट, हैंडबैग, या जूते) ले जा सकते हैं बशर्ते वह व्यक्तिगत उपयोग यानी खुद आपके इस्तेमाल के लिए हो, न कि बेचने यानी कमर्शल यूज के लिए. अधिक संख्या में हर चीज पर उनकी पैनी नजर रहती है और वे शक के आधार पर पूछताछ के बाद यह फैसला लेते हैं कि इस सामान का करना क्या है.
झारखंड के जमशेदपुर के एक स्कूल टीचर के हवाले से रिपोर्ट कहती है कि मैं अपने बेटे से मिलने के लिए अमेरिका गया, जो टेक्सास में सप्लाई चेन मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री कर रहा है. मेरे पास आठ शर्ट, चार पतलून, कुछ मोजे और एक जोड़ी जूते थे. सभी सामान अभी भी पैक थे क्योंकि मैंने उन्हें अभी खरीदा था. लेकिन पोर्ट पर अधिकारियों ने मेरे बैग की जांच की और मुझसे कई सवाल किए कि मैं कहां से यात्रा कर रहा था, सामान किसके लिए था, क्या मैं उनकी तस्करी कर रहा था वगैरह वगैरह. हालांकि मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की कि यह सब मेरे बेटे के लिए था, उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं उन्हें नहीं ले सकता क्योंकि वे सभी नकली सामान थे – यानी बड़े ब्रैंडों की कॉपी थे. मुझे पता नहीं था कि ये बैन हैं. उन्होंने मुझ पर ‘क्रिमिनल चार्ज’ लगाने की धमकी दी थी, मेरे पास उन्हें तुरंत सब कुछ उन्हें जब्ती करने देने के अलावा कोई ऑप्शन ही नहीं था.
उन्होंने बताया कि कपड़े की कई चीजें फेंकने से पहले फट गई थीं… कम से कम 30,000 रुपये का सामान गंवा दिया. हैदराबाद के एक 27 वर्षीय छात्र का कहना था कि भारत में लोगों के लिए बड़े ब्रैंडों की डुप्लिकेट या कॉपी बेचना और खरीदना बहुत आम है. मुझे नहीं पता था कि उन्हें अपने सामान में ले जाना इतना गंभीर अपराध है. वे ऐसी कोई चेकलिस्ट भी नहीं देते जिससे लोगों को ये पता हो कि क्या ले जा सकते हैं और क्या नहीं. कैलिफोर्निया से बिजनेस मैनेजमेंट और इकोनॉमिक्स में मास्टर की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट की करीब 10 शर्ट, पैंट और तीन जोड़ी जूते सीमा शुल्क अधिकारियों ने कूड़े में फेंक दिए.
सीपीबी अधिकारियों का कहना था कि पिछले साल 19,724 शिपमेंट से 23 मिलियन नकली सामान जब्त किए गए इसके बाद से जांच बढ़ा दी गई क्योंकि यह बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का उल्लंघन है. यदि ये सामान ऑरिजिनल होते और उन्हीं उचित दामों पर बेचे गए होते तो इनकी कीमत 2.7 अरब डॉलर होती. नकली सामान नेशनल सिक्यॉरिटी, पब्लिक सेफ्टी और आर्थिक नजरिए से भी नुकसानदायक हैं.