‘लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद भी 95 फीसदी चंद्रयान 2 मिशन सफल’
Updated: September 7, 2019,
चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) देर रात चांद (Moon) की सहत से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर आकर अपना रास्ता भटक गया. हालांकि अब भी इस मिशन को लेकर उम्मीदें कायम है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
के एक अधिकारी ने बताया कि संपर्क टूटने के बाद भी 95 फीसदी चंद्रयान 2 का मिशन अब तक सफल रहा है.
लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने को लेकर इसरो के एक अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया, “मिशन ने अपना 5 फीसदी हिस्सा ही खोया है, बाकी 95 फीसदी, जो चंद्रयान 2 ऑर्बिटर है, सफलतापूर्वक चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है.”
इस अधिकारी के मुताबिक एक साल के मिशन लाइफ में ये ऑर्बिटर चंद्रमा की कई तस्वीरें ले सकता है और इसे इसरो को भेज सकता है. इसरो के अधिकारी ने कहा कि ऑर्बिटर लैंडर विक्रम की तस्वीरें लेकर उसकी स्थिति के बारे में पता लगा सकता है. चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान में तीन खंड शामिल थे – ऑर्बिटर (2,379 किग्रा, आठ पेलोड), लैंडर ‘विक्रम’ (1,471 किग्रा, चार पेलोड) और रोवर ‘प्रज्ञान’ (27 किग्रा, दो पेलोड). 2 सितंबर को, विक्रम ऑर्बिटर से अलग हो गया था.
22 जुलाई को 978 करोड़ रुपये की लागत के चंद्रयान -2 को टेक्स्ट बुक शैली में भारत के भारी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क III द्वारा अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था. इसरो के द्वारा पांच पृथ्वी-कक्षा की परिक्रमा गतिविधियों के बाद इसे चंद्रयान -2 को चंद्र की कक्षा में डाला गया था. अंतिम चरण में जाकर लैंडर विक्रम और ऑर्बिटर के बीच संचार लिंक टूट गया.