MP : चीतों के बाद अब जिराफ और जेब्रा को भी लाने की तैयारी तेज

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Updated at : 15 Sep 2022

मध्य प्रदेश के वन मंत्री के मुताबिक जल्द ही प्रदेश के जंगलों में जिराफ और जेब्रा भी आने वाले हैं. मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने बताया की चीतों को प्रदेश में लाने की योजना 2010 से बन रही थी, लेकिन बीच में यह रुक गई. उन्होंने कहा, “मेरे वन मंत्री बनने के बाद इस योजना पर फिर से काम शुरू हुआ और अब नामीबिया से एएमयू होने के बाद चीतों को मध्य प्रदेश लाया जा रहा है. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी जल्द एएमयू होने वाला है, वहां से भी लगभग 18 चीते भारत लाए जाएंगे.”

1952 में भारत सरकार ने देश में चीता को कर दिया था विलुप्त घोषित
मध्य प्रदेश के वन मंत्री ने कहा कि चीतों को लाने के बाद राज्य के जंगलों में जिराफ और जेब्रा भी लाए जाएंगे. इसके लिए भी दक्षिण अफ्रीका से बातचीत चल रही है. जल्द ही एक और एएमयू साइन किया जाएगा. इसके बाद प्रदेश में जिराफ और जेब्रा की भी इंट्री हो जाएगी. कहा जाता है कि मध्य प्रदेश में कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने 1947 में देश में अंतिम तीन चीतों को मार डाला था. इसके बाद 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया था, लेकिन अब भारत में 70 साल बाद चीता युग लौट रहा है.

‘अकबर के शासनकाल में देश में थे करीब 1,000 चीते’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के उपाध्यक्ष रह चुके दिव्य भानु सिंह की पुस्तक ‘द एंड ऑफ ए ट्रेल – द चीता इन इंडिया’ के अनुसार मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल 1556 से 1605 के दौरान देश में करीब 1,000 चीते थे. इन चीतों का इस्तेमाल काले हिरण और चिकारे के शिकार के लिए किया जाता था. दिव्य भानु सिंह की पुस्तक में दावा किया गया कि अकबर के बेटे जहांगीर ने पाला के परगना में चीतों की मदद से 400 से अधिक हिरणों को पकड़ा था.

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