MP में 5 साल में चौथा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के ये 2 नेता

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Last Updated: Apr 17, 2024,

Ujjain Lok Sabha Seat: कहते है नेता एक चुनाव लड़ने के लिए सालों से मेहनत करते हैं, कई बार टिकट के लिए भी सालों का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन कई बार कुछ नेता चुनाव लड़ने के मामले में अलग होते हैं, क्योंकि पार्टी को इन पर इतना भरौसा होता है कि हर चुनाव में इन्हें ही मौका दिया जाता है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस दो विधायक ऐसे हैं जो पिछले पांच साल में चौथा चुनाव लड़ रहे हैं. ये दोनों प्रत्याशी विधानसभा, नगर निगम के बाद अब लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. खास बात यह भी है कि इनकी सीटों पर चुनाव भी इस बार दिलचस्प दिख रहा है.

सिद्धार्थ कुशवाहा और दिनेश परमार 

दरअसल, सतना लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा और उज्जैन लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश परमार पिछले चार साल में चौथा बड़ा चुनाव लड़ रहे हैं, खास बात यह है कि दोनों ही नेता फिलहाल विधायक भी हैं. दरअसल, दोनों नेता पहली बार 2018 में विधानसभा का चुनाव जीते थे, इसके बाद पार्टी हर बड़े चुनाव में इन दोनों नेताओं को मौका दे रहे हैं. 2018 के बाद कांग्रेस ने दोनों नेताओं को नगर निगम चुनाव में भी टिकट दिया था, 2021 में सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना में महापौर और दिनेश परमार को उज्जैन में महापौर का टिकट दिया था. हालांकि दोनों नेताओं को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.

2023 में जीते विधायक का चुनाव 

महापौर के चुनाव में हार के बाद दोनों नेताओं को 2023 के विधानसभा चुनाव में फिर से टिकट दिया गया. जहां चुनाव में दोनों नेताओं को जीत मिली थी, वहीं एक साल बाद फिर से कांग्रेस ने दोनों नेताओं को लोकसभा चुनाव में टिकट दिया है.

दोनों सीटों पर दिलचस्प समीकरण 

खास बात यह है कि दोनों लोकसभा सीटों पर समीकरण भी दिलचस्प हैं. सतना लोकसभा सीट पर बीजेपी ने वर्तमान सांसद गणेश सिंह को मौका दिया है. सिद्धार्थ कुशवाहा और गणेश सिंह दोनों विधानसभा चुनाव भी लड़े थे, जहां गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब दोनों नेता फिर से एक बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बात अगर उज्जैन सीट की जाए तो यहां बीजेपी ने वर्तमान सांसद अनिल फिरोजिया को ही मौका दिया है. दिनेश परमार और अनिल फिरोजिया 2018 के विधानसभा चुनाव में उज्जैन की बड़नगर विधानसभा सीट पर आमने-सामने थे, जहां कांग्रेस को जीत मिली थी. लेकिन बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं अब 5 साल बाद दोनों नेता एक बार फिर से आमने-सामने हैं. दोनों सीटों पर 2019 में बीजेपी को जीत मिली थी. इस बार इन सीटों पर मुकाबला दिलचस्प दिख रहा है.

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