अब बिना दर्द झेले कैंसर का इलाज होगा संभव, भारतीय वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी

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प्रयागराज. कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी की बेहद कष्टप्रद प्रक्रिया से निजात मिलने की उम्मीद जगी है. अगर यह शोध इंसानों पर भी सफल रहा तो कैंसर सेल को मारने के लिए कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. मरीजों को कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के साइड इफेक्ट से भी बचाया जा सकेगा.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर मुनीश पांडे ने अमेरिकी विज्ञानियों के साथ मिलकर कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी और उन दवाओं का विकल्प खोज लिया है, जो इस जानलेवा बीमारी के लिए इलाज के दौरान कैंसर सेल्स के साथ सामान्य सेल को भी नुकसान पहुंचाती हैं. इसके साथ ही अमेरिकी वैज्ञानिक संग मिलकर यह प्रयोग साल भर तक अमेरिका में चला. हालांकि अभी मानव शरीर पर इसका प्रयोग नहीं हुआ है. पहले पायदान पर प्रयोग सफल होने के बाद अब मानव शरीर पर लागू करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया गया है.

प्रसिद्ध जनरल में शोध हो चुकी है प्रकाशित
यह शोध आको जीन नामक प्रतिष्ठित जनरल में पब्लिक भी हो चुका है. उनकी टीम ने सबसे पहले चूहों पर इसका प्रयोग किया. डॉक्टर मनीष पांडे को उम्मीद है आने वाले समय में यह मुमकिन हो सकेगा कि लोगों को बिना दर्द सहे कैंसर का इलाज मिल सकेगा. उन्होंने बताया कि उनकी टीम इस प्रोजेक्ट पर बहुत ही तेजी से कार्य कर रही है. आने वाले समय में निश्चित ही मानव जीवन के लिए एक सुखद पल का भाव उत्पन्न होगा.

क्या है कीमोथेरेपी?
कीमोथेरेपी एक प्रकार का कैंसर उपचार है. इसे “कीमो” भी कहा जाता है, यह कई कैंसर उपचारों में से एक है जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के खिलाफ दवाओं का उपयोग करता है. अन्य दवा उपचारों में शामिल हैं.

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