Diwali 2022: जानें दिवाली से जुड़े ये रोचक तथ्य

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नई दिल्ली: दिवाली का त्योहार हर किसी के लिए एक नया उत्साह लेकर आता है और शायद यही वजह है कि लोगों को दीपों के इस महापर्व का बेसब्री से इंतजार होता है. दीयों और रौशनी का यह त्योहार केवल भारत ही नहीं, विदेशों में भी काफी लोकप्रिय है और इसे काफी धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि, हिंदू धर्म में दिवाली का काफी महत्व होता है, क्योंकि इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की घर-घर पूजा होती है. दिवाली की शुरुआत जहां धनतेरस से होती है, वहीं इसकी धूम भैय्या दूज तक बनी रहती है. दिवाली को लेकर देश में बहुत सारी मान्यताएं हैं तो चलिए जानते हैं रौशनी के महापर्व से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में.

1. दिवाली के दिन केवल लक्ष्मी-गणेश की ही पूजा नहीं होती, बल्कि मां काली की भी पूजा होती है. पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, असम और त्रिपुरा समेत पूर्वी भारत के कई इलाकों में दीपावली के दिन मां काली की पूजा होती है, जिसे निशा पूजा के नाम से भी जाना जाता है.

2. दिवाली को लेकर एक रोचक और लोकप्रिय तथ्य यह भी है कि भगवान राम जब 14 साल का वनवास खत्म कर अयोध्या लौटे थे, तब उनका दीप जलाकर भव्य स्वागत किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि तभी से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है.

3. ऐसा कहा जाता है कि केरल में काफी लोकप्रिय तरीके से दिवाली नहीं मनाई जाती है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि केरल के राजा महाबली की दिवाली के दिन मौत हो गई थी.

4. उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में चांदी के मछली के बिना दिवाली की पूजा होती ही नहीं है. यहां दीपावली में चांदी की मछली की पूजा की प्राचीन परंपरा है.

5. जैन धर्म के लोग भी दिवाली मनाते हैं. जैन धर्म और उनकी परंपरा के अनुसार, जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी को दिवाली के दिन ही मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. दिवाली पर ही उन्होने अपनी मानव देह का त्याग कर निर्वाण प्राप्त किया था. इसलिए इस दिन को जैन समुदाय में निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है.

6. भगवान श्री कृष्ण से भी दिवाली का संबंध है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध किया था.

7. सिख समाज के लिए भी दिवाली बेहद अहम त्योहार है. ऐसी मान्यता है कि सिख लोग दिवाली को उस अवसर के रूप में मनाते हैं, जिस दिन सिखों के सिखों के छठें धर्म गुरु हरगोबिंद साहब को ग्वालियर में मुगल बादशाह जहांगीर जहांगीर की कैद से कई हिंदू राजाओं के साथ रिहा किया गया था.

8. एक और मान्यता है कि सिखों के लिए दिवाली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था, जो सिख समुदाय के प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है.

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस साल दिवाली 24 अक्टूबर यानी सोमवार को है. इस साल दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया है क्योंकि अमावस्या तिथि में सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ हो रहा है.

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