Chambal News: बीहड़ की इस खास मिठाई की दुबई में होगी ब्रांडिंग
Updated at : 28 Mar 2023
Morena Gajak GI Tag: चम्बल यानी मुरैना के बीहड़ तो पूरी दुनिया में पहचाने ही जाते हैं लेकिन चम्बल को डकैतों की शरणस्थली से भी पहचाना जाता है. अब जल्द ही मुरैना की पहचान बीहड़ और डकैतों से नहीं बल्कि उसकी पहचान अब बीहड़ों की सबसे प्रसिद्ध मिठाई गजक (Gajak) से होगी. दरअसल मुरैना की गजक को जीआई टैग (GI Tag) मिलने के कारण अब इसका प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया तक पहुंच जाएगा. इससे मुरैना को नई पहचान मिलेगी और गजक व्यापारियों की खपत बढ़ने से आय और रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे .
मुरैना की गुड़ और तिल से बनी खस्ता-करारी गजक का इस अंचल में हर कोई दीवाना है. शरद ऋतु शुरू होते ही मानो यह पूरे ग्वालियर चम्बल के हर घर में लंच और डिनर के बाद खाने की अपरिहार्य मिठाई बन जाती है. यहां इसे लोग बड़े चाव से और स्वाद ले-लेकर खाते हैं. यूं तो गजक अंचल में अनेक जगह बनती है पर मुरैना की गजक की बात ही अलग है. यहां की गजक बहुत खस्ता और लजीज होती है. इसकी वजह यहां का पानी है और यही कारण है कि अब यह देशभर में विख्यात हो गई है. स्थिति ये है कि लोग मुरैना की गजक के नाम से ही इसे मांगते हैं.
अब वर्ष भर बिकती है गजक
कुछ वर्ष पहले तक गजक का कारोबार सिर्फ दिसम्बर से अप्रैल के बीच होता था. लेकिन अब इसके मुरीद लोग देश ही नहीं बल्कि विदेश तक में फैले हुए हैं. लिहाजा इसका उत्पादन और खपत पूरे बारह महीनों होती है. अब तो सालभर इसकी लज्जत लुभाने लगी है. इस गजक को अब ज्योग्राफिकल इंडिकेटर यानि जीआई टैग भी मिल गया है. इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए प्रसन्नता जताई है.
पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रीवा के सुंदरजा आम (Sunderja Mango) और छत्तीसगढ़ के धमतरी के नागरी दूबराज चावल (Nagari Dubraj Rice) के साथ ही मुरैना की गजक को जीआई टैग मिलने पर खुशी जाहिर की है. इधर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने भी मुरैना की गजक को जीआई टैग मिलने पर मुरैनावासियों के साथ सभी प्रदेशवासियों को इस बात के लिए बधाई दी है. सीएम ने इस उपलब्धि के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री गोयल का आभार भी माना है.
दुबई फेस्ट में भी जाएगी गजक
हाल ही में दिल्ली में फूड फेस्टिवल (Delhi Food Festival) में भी इसे खूब पसंद किया गया था. दिल्ली के प्रगति मैदान पर लगे इस फेस्टिवल में मुरैना की गजक को इटली, दुबई और ब्रिटेन से आए डेलीगेट्स ने काफी पसंद किया था. वहीं गजक निर्यात पर भी मंथन किया गया था. आगामी समय में दुबई के फेस्टिवल में भी गजक की ब्रांडिंग की जाएगी. पिछले 100 वर्ष से लोगों की जुबां पर चढ़ी मुरैना की गजक को जीआई टैग दिलाने के लिए बीते कई सालों से प्रयास किए जा रहे थे जोकि अब रंग लाए हैं.
व्यावसायिक विश्लेषकों का मानना है कि गजक को जीआई टैग मिलने से मुरैना की गजक की विश्वभर में नई पहचान स्थापित होगी. जीआई टैग को हिंदी में भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है. जियोग्राफिकल इंडीकेटर यानि जीआई क्षेत्रीय विशेष उत्पाद की ख्याति को प्रमाणित करने और उत्पाद को पहचान दिलाने की एक प्रक्रिया होती है.