BJP की बंपर जीत के पीछे हैं PM मोदी के ये 7 ब्रह्मास्त्र

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Updated on: Dec 09, 2022

मोदी मैजिक की बदौलत गुजरात में बीजेपी ने वो करके दिखा दिया, जो 62 साल के इतिहास में आज तक नहीं हुआ था. ये इतिहास है गुजरात की सबसे बड़ी जीत का. इससे पहले ये रिकॉर्ड कांग्रेस के नाम पर था. जब 1985 में कांग्रेस ने 149 सीटों पर कब्ज़ा किया था. कांग्रेस ने ये कारनामा पूर्व मुख्यमंत्री रहे माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में किया था, लेकिन अब बीजेपी ने इसे पीछे छोड़ दिया है और 156 सीट के साथ अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है. इसका श्रेय ब्रैंड नमो यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मज़बूत चुनावी ब्रांडिंग को जाता है. पीएम मोदी के 7 ब्रह्मास्त्रों ने गुजरात में कमाल किया है. इसकी बदौलत बीजेपी को 156 सीटें मिली हैं.

गुजरात की रिकॉर्ड तोड़ जीत प्रधानमंत्री मोदी की जीतोड़ मेहनत का नतीजा है, जो उन्होंने सिर्फ 27 दिन में की. प्रधानमंत्री मोदी ने 6 नवंबर को गुजरात में चुनावी अभियान का शंखनाद किया. कुल 39 रैलियां और 2 बड़े रोड शो किए. अपनी 39 रैलियों के दौरान पीएम ने गुजरात की 134 विधानसभा सीटों को कवर किया, जबकि रोड शो के लिए 17 विधानसभा कवर की और इसके नतीजे सबके सामने हैं.

पीएम मोदी के ये हैं 7 ‘ब्रह्मास्त्र’

  1. चुनाव से एक साल पहले पूरी सरकार बदली
  2. बड़े नेताओं को टिकट नहीं दिया
  3. जिताऊ उम्मीदवार देखे, कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट
  4. जहां 2017 में हारे, वहां काफी पहले से प्रचार किया
  5. पांच मौजूदा मंत्रियों के टिकट काटे
  6. बगावत करने वालों पर सख्त एक्शन लिया
  7. पीएम मोदी ने कहा- मैं गुजरात का बेटा हूं. ये बड़ा फैक्टर बना

बीजेपी का बढ़ा वोट फीसद

भविष्य में क्या होगा, ये किसी को पता नहीं लेकिन नतीजों पर तो ये कहा ही जा सकता है कि गुजरात चुनाव के दौरान विपक्ष पूरी तरह से डिएक्टिवेट रहा तो बीजेपी प्रो एक्टिव होकर चुनाव लड़ती रही. यही वजह है कि बीजेपी को पिछली बार की तुलना में 59 सीट और 3 फीसदी ज्यादा वोट मिले. 2017 में बीजेपी को 99 सीट मिली थी. इस बार 156 सीटें मिली है. 2017 में बीजेपी को 49.1% वोट मिले थे, इस बार 52.5% वोट मिले.

अगर किसी चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होता है तो 35 फीसदी वोट पाने वाली पार्टी बड़े आराम से चुनाव जीत जाती है, लेकिन बीजेपी को तो यहां 52.5% वोट मिले. यही वजह है कि वो गुजरात के इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही. ये जीत इसलिए भी अहम है, क्योंकि बीजेपी गुजरात में जबसे सत्ता में आई है तबसे वो लगातार जीत रही है और इस बार की जीत तो सबसे बड़ी है.

1995 में पहली बार गुजरात में जीती थी बीजेपी

अगर गुजरात में बीजेपी की सत्ता वाली यात्रा देखें तो 1995 में बीजेपी पहली बार जीती थी, तब उसे 121 सीटें मिली थीं. 1998 में फिर चुनाव हुआ तो बीजेपी को 117 सीटें मिलीं. 2002 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चुनाव हुआ तो बीजेपी को 127 सीटें मिली. 2007 के चुनाव में बीजेपी को 117 सीटें मिली. 2012 में बीजेपी को बीजेपी की 2 सीटें और घट गईं और आंकड़ा 115 पर रुक गया. 2017 के चुनाव में बीजेपी का सीटों के लिहाज से सबसे खराब प्रदर्शन रहा और पार्टी सौ के आंकड़े को नहीं छू पाई सिर्फ 99 सीटें मिली, लेकिन इस बार के नतीजों ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और बीजेपी को 156 सीटें मिलीं.

BJP की सत्ता वाली इस यात्रा में भले ही सीटें ऊपर नीचे होती रही हों लेकिन मत फीसद के मामले में बीजेपी का परफॉर्मेंस बरकरार रहा है. सत्ता में आने के बाद के पहले दो चुनाव को छोड़ दें तो बीजेपी 48 फीसदी से लेकर 52 फीसदी के बीच रही है. यानी करीब-करीब आधी आबादी की समर्थन बीजेपी को हमेशा रहा है.

साल दर साल बीजेपी का मत प्रतिशत

  • 1995 में बीजेपी को 42.51%
  • 1998 में 44.81%
  • 2002 में 49.85%
  • 2007 में 49.12%
  • 2012 में 47.85%
  • 2017 में 49.1%
  • 2022 में बीजेपी 52.5% वोट मिले, जो रिकॉर्ड है.

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