July 16, 2025

तबाही का संकेत दे रही गुप्‍त नवरात्रि में माता की सवारी, 6 जुलाई के बाद आएगी तबाही ?

0
gupt-navratri-2024-mata-ki-sawari-giving-indication-of-disaster

Last Updated: Jun 23, 2024,

Gupt Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि आती हैं. इनमें से 2 नवरात्रि प्रत्‍यक्ष नवरात्रि होती हैं, वहीं 2 बार गुप्‍त नवरात्रि आती हैं. गुप्‍त नवरात्रि माघ महीने और आषाढ़ महीने में आती हैं. आषाढ़ महीना 23 जून 2024, रविवार से शुरू हो गया है. अब आने वाली 6 जुलाई से आषाढ़ी गुप्‍त नवरात्रि शुरू हो रही हैं, जो कि 15 जुलाई 2024, सोमवार तक चलेंगी. इस तरह इस बार ये नवरात्रि 9 दिन की बजाय 10 दिन की होंगी. मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन के सारे दुख दूर होते हैं. मां भगवती अपने भक्तों की मुरादें पूरी करती है और अपार धन, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.

आषाढ़ी गुप्‍त नवरात्रि 2024 

आषाढ़ी गुप्‍त नवरात्रि आषाढ़ माह के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती हैं और नवमी तिथि पर समाप्‍त होंगी. पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 6 जुलाई को सुबह 04 बजकर 26 मिनट से होगी और 7 जुलाई को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर समाप्‍त होगी. इस तरह आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से प्रारंभ होंगी और 15 जुलाई को नवमी तिथि पर समाप्‍त होंगी. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है.

गुप्‍त नवरात्रि में माता की सवारी 

इस साल गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई 2024, शनिवार से हो रही है. धर्म-शास्‍त्रों के अनुसार जब भी नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से होती है तो मातारानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं. लिहाजा इस साल गुप्‍त नवरात्रि पर माता दुर्गा का वाहन घोड़ा होगा. माता दुर्गा की घोड़े पर सवार को अशुभ माना गया है.

आएगी प्राकृतिक आपदा? 

जब भी माता दुर्गा घोड़े की सवारी पर आती हैं, तो यह हानि का संकेत होता है. धर्म-शास्‍त्रों के अनुसार माता की यह सवारी तबाही का संकेत देती है. यह प्राकृतिक आपदा आने का इशारा देती है. यदि यह बात सच साबित हुई तो 6 जुलाई के बाद देश में कोई अनहोनी हो सकती है.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 की तिथियां और माता का रूप 

नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है.

6 जुलाई, शनिवार- इस दिन से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरूआत होगी और पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा जाती है.
7 जुलाई, रविवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है.
8 जुलाई, सोमवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.
9 जुलाई, मंगलवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है.
10 जुलाई, बुधवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि चतुर्थी तिथि 2 दिन रहेगी और इस दिन भी देवी कुष्‍मांडा की पूजा होगी.
11 जुलाई, गुरुवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की पंचमी तिथि पर देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है.
12 जुलाई, शुक्रवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के छठवे दिन देवी कात्ययानी की पूजा की जाती है.
13 जुलाई, शनिवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के सातवे दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है.
14 जुलाई, रविवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के आठवे दिन देवी महागौरी की पूजा की जाएगी.
15 जुलाई, सोमवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. MPLIVE इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

About The Author

Share on Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *