इंदौर: दूसरी शादी रोके जाने से नाराज शौहर ने बीवी को दिया ‘तीन तलाक’, केस दर्ज
मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा पिछले साल तीन तलाक (Triple Talaq) पर कानून बनाए जाने के बाद भी देश में तीन तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में एक शख्स पर पत्नी को तीन तलाक देने के मामले में केस दर्ज (Case File) किया गया है. पुलिस ने रविवार को बताया कि एक महिला ने कथित तौर पर तीन तलाक के मामले में अपने पति के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
सदर बाजार पुलिस स्टेशन के एसएचओ (SHO) अजय कुमार ने बताया कि तीन अक्टूबर को पीड़ित महिला (Victim Women) ने पुलिस को उसके पति की दूसरी शादी (Second Marriage) किए जाने की जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शादी को रोक दिया, शादी रोके जाने के बाद नाराज पति ने महिला को तीन तलाक (Triple Talaq) दे दिया. आरोपी शख्स का नाम जुबेर है.
बीवी को उसके मायके में जाकर दिया तीन तलाक
पुलिस के मुताबिक शिकायत में पीड़ित महिला ने कहा कि एक दिन उसका पति उसके मायके पहुंचा और उसने उसे तीन बार तलाक बोला, साथ ही उसने महिला को धमकी भी दी. एसएचओ अजय कुमार ने कहा कि पीड़ित महिला की शिकायत पर उसके पति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, आगे की कार्रवाई की जा रही है.
बतादें कि मोदी सरकार ने पिछले साल 31 जुलाई को संसद में तीन तलाक के खिलाफ बिल पास किया था, और 1 अगस्त को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया, जिसके हिसाब से महिलाओं को उनकी शादी बचाने का अधिकार दिया गया है. कानून के हिसाब से मौखिक तीन तलाक देना अपराध है साथ ही एसएमएस, ई मेल, वॉट्सएप या किसी इलैक्ट्रोनिक चैट के माध्यम से तीन तलाक देना अब गैर कानूनी है. नए कानून के मुताबिक पुलिस बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है.
कानून के मुताबिक ‘तीन तलाक’ देना अपराध
नया कानून बनने के बाद भी देश के कई हिस्सों से अब भी तीन तलाक के मामले सामने आ रहे हैं. नए कानून के बाद ऐसे मामले कम जरूर हुए हैं, लेकिन अब भी पूरी तरह से इन पर लगाम नहीं लगी है. तीन तलाक के नए कानून के मुताबिक तीन तलाक देने वाले पति को तीन साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं, मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिल सकेगी. वहीं मजिस्ट्रेट बिना पीड़िता का पक्ष सुने आरोपी पति को जमानत नहीं देंगे. ऐसे मामलों में पति और बच्चों का खर्चा भी मजिस्ट्रेट तय करेंगे, इस मामले में पत्नी की पहल पर ही समझौता किया जा सकता है.