इस फल के आगे दवाई भी फेल! शुगर पेशेंट के लिए वरदान; कैंसर के इलाज में भी रामबाण

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मंडीः क्या आपने कभी हिमाचल प्रदेश के काफल का स्वाद चखा है? गहरे लाल रंग का यह फल अपने स्वाद और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है. यह हिमाचल के घने जंगलों में प्राकृतिक रूप से उगता है और गर्मी के मौसम में कई लोगों के लिए रोजगार का साधन बनता है. काफल मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ इलाकों में आसानी से मिल जाता है. यह फल सेब से भी महंगा होता है और बाजार में आराम से 400 से 500 रुपए प्रति किलो तक बिकता है.
अप्रैल के अंत से जून तक कई जगहों पर काफल बेचते हुए लोग दिखाई देते है. खट्टा-मीठा और रसीला यह फल एक बार चखने पर बार-बार खाने के लिए मजबूर कर देता है. काफल न केवल आय का अच्छा स्रोत है बल्कि यह स्वास्थय के लिए भी बेहद लाभकारी है.
काफल में प्राकृतिक रूप से विटामिन C और आयरन होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह थकान मिटाने, ऊर्जा देने और गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला फल माना जाता है. इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और यह मधुमेह व हृदय रोगों के लिए भी लाभदायक है. यह खून बढ़ाने में भी मदद करता है. हिमाचल के अलावा, काफल उत्तराखंड और नेपाल में भी पाया जाता है.
हिमाचल प्रदेश में यह जंगली फल केवल गर्मियों के मौसम में ही मिलता है. इसलिए इसका आनंद उठाने के लिए जल्द ही बाजार का रुख करें, क्योंकि इसका लास्ट स्टॉक ही इस समय बाजारों में उपलब्ध है. इसके बाद यह फल अगले साल ही फिर से मिलेगा.