कारगिल युद्ध में अटल ने वायुसेना को LOC पार करने की नहीं दी थी इजाजत – टिपनिस
Updated: June 29, 2019,
कारगिल युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वायुसेना को नियंत्रण रेखा (LOC) लांघकर पाकिस्तान में हमला करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. वायुसेना के पूर्व प्रमुख अनिल टिपनिस ने बताया कि वह कारगिल वॉर में वायुसेना के इस्तेमाल के भी इच्छुक नहीं थे. इसलिए उन्होंने वायुसेना को नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान में हमले की मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया था.
टिपनिस ने याद की पूर्व पीएम वाजपेयी से हुई एक बैठक
नौसेना के पूर्व प्रमुख सुशील कुमार की किताब ‘ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमेंबर: मेमोरीज ऑफ ए मिलिट्री चीफ’ के विमोचन के मौके पर टिपनिस ने 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान पूर्व पीएम वाजपेयी, तत्कालीन सेना प्रमुख वेद मलिक और उनके बीच हुई एक बैठक को याद किया. टिपनिस ने बताया, पूर्व पीएम वाजपेयी जनरल मलिक से जानना चाहते थे कि क्या थलसेना बिना वायुसेना की मदद लिए युद्ध जीत सकती है.
वाजपेयी ने कहा – कल सुबह से शुरुआत करे वायुसेना
टिपनिस ने कहा, इससे पहले की मलिक कोई जवाब दे पाते, मैंने कहा कि थलसेना को वायुसेना की जरूरत है और हम एक्शन के लिए तैयार हैं. इस पर वह कुछ देर के लिए खामोश हो गए. फिर उन्होंने मेरी तरफ देखकर कहा कि फिर कल सुबह आप शुरुआत करिए. मैंने उनसे उसी वक्त एलओसी पार करने की अनुमति मांगी. इस पर उन्होंने पहले से ज्यादा मजबूत निश्चय के साथ कहा कि नहीं, हम नियंत्रण रेखा पार नहीं करेंगे.
एक रणनीतिक नुकसान को बड़ी जीत में किया तब्दील
वायुसेना के पूर्व प्रमुख ने बताया कि हमारे लड़ाकू विमान महज 6 घंटे के भीतर अभियान पर निकलने के लिए तैयार हो गए थे. कारगिल युद्ध के समय नौसेना प्रमुख रहे एडमिरल (सेवानिवृत्त) सुशील कुमार ने कहा कि पूर्व पीएम वाजपेयी ने एक रणनीतिक नुकसान को बड़ी जीत में तब्दील कर दिया. सेना के तत्कालीन वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) चंद्रशेखर ने भी कारगिल युद्ध के दौरान वाजपेयी की भूमिका की तारीफ की. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान तीनों सेनाओं के बीच शानदार तालमेल नजर आया.
संसद हमले के बाद पाक में घुसकर तबाह करना चाहते थे आतंकी कैंप
एडमिरल सुशील कुमार ने बताया कि 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए हमले के बाद पूर्व पीएम वाजपेयी पाकिस्तान में घुसकर आतंकी प्रशिक्षण कैंपों को तबाह कना चाहते थे. हालांकि, इस ऑपरेशन को आखिरी मौके पर मिली खुफिया सूचना के कारण रद्द कर दिया गया. उन्होंने बताया कि संसद हमले के तत्काल बाद तीनों सेना प्रमुखों की तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा से मुलाकात हुई.
आम लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर ऑपरेशन रद्द करने का लिया फैसला
इस बैठक में मौके की नजाकत को देखते हुए तुरंत जवाबी कार्रवाई करने को लेकर चर्चा हुई. तय हुआ कि एलओसी के पार पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकियों के बड़े ट्रेनिंग कैंप को तबाह कर दिया जाए. ऑपरेशन की तैयारी शुरू हो गई. सेना पूरी तरह तैयार थी. आखिरी मौके पर खुफिया सूचना मिली कि पाकिस्तान ने निशाना बनाए जाने वाले ट्रेनिंग को वहां से हटाकर एक स्कूल और एक बड़े अस्पताल के बीचों-बीच बना लिया है. लंबी चर्चा के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने तय किया कि ऑपरेशन को रद्द कर दिया जाए क्योंकि इसमें आम लोगों को नुकसान हो सकता है.