गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई : वैष्णो देवी जाने की बात कर छोड़ा घर , गांव वालों के लिए हीरो
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गुजरात की जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस वक्त देश और दुनिया की सुर्खियों में बना हुआ है. पिछले दिनों मुंबई में एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में इसका नाम आया है. इतना ही नहीं कनाडा में एक खालिस्तान समर्थक आतंकवादी की हत्या मामले में भी वहां की सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम लिया. लेकिन, इतना सब होने के बावजूद लॉरेंस अपने गांव वालों की नजर में हीरो है. गांव वालों का स्पष्ट कहना है कि लॉरेंस एक खानदारी परिवार से ताल्लुक रखता है. उसके परदादा संत थे. उसके पिता किसान हैं और उनके पास करीब 100 एकड़ जमीन है. वह कोई क्रिमिनल नहीं बल्कि गांव वालों के लिए हीरो है. वे इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि कोई व्यक्ति जेल में रहकर कैसे इतनी बड़ी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिलवा सकता है.
बिश्नोई अपने धर्म और राष्ट्र की लड़ाई लड़ता है
लॉरेंस बिश्नोई के गांव का दौरा किया. वहां उसके बारे में लोगों की राय जानने की कोशिश की. हमारी टीम पंजाब के फाजिल्का जिले के गांव दुतारावाली पहुंची. लॉरेंस ने जिन गलियों में अपना बचपन बिताया था उसी गली से हम उसके पैतृक घर तक पहुंचे. गांव के चौपाल पर मौजूद लोगों से बातचीत शुरू हुई. यहीं पर गांव के ही हंसराज मिले. उनका कहना है कि लॉरेंस बिश्नोई अपने धर्म और राष्ट्र की लड़ाई लड़ता है. उसका नाम पूरे विश्व में है. उन्होंने बताया कि आज हर कोई उसे एक खतरनाक अपराधी मानता है लेकिन वह ऐसा नहीं है. हंसराज कहते हैं- आज बोला जा रहा है कि लॉरेंस बिश्नोई का पिता पुलिस में थे और उन्होंने खूब पैसा खाया. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. क्योंकि उसके परिवार में कोई भी पुलिस में नहीं है. आज कुछ लोग लॉरेंस बिश्नोई को मरवाने के लिए करोड़ों रुपये की पेशकश कर रहे है. लेकिन लॉरेंस बिश्नोई का कोई कसूर नहीं है. फिर भी कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई एक अच्छा लड़का है. वह पुलिस की हिरासत में रहकर क्राइम कैसे कर सकता है.
लॉरेंस बिश्नोई के पूर्वजों का एक मंदिर भी गांवों में बना हुआ है. इसमें उसके परदादा की समाधि है और उनके द्वारा लिखी गई एक पुस्तक भी वहां मौजूद है. गांव में रहते वक्त लॉरेंस बिश्नोई रोजाना जहां आता था और सेवा करता था. लॉरेंस बिश्नोई के चचेरे भाई रमेश बिश्नोई बताते हैं उनके पूर्वजों ने एक ग्रंथ लिखा है जिसमें समाज की भलाई के काम करने की सलाह दी गई है. जंगली जानवरों को नहीं मारने, हरे वृक्षों को नहीं काटने, साफ सफाई रखने का संदेश दिया गया है. इसको लेकर बिश्नोई समाज आज भी इन बातों पर अमल करता है.
वैष्णव देवी जाने के लिए घर से निकला
रमेश का कहना है कि कोई भी माता पिता बच्चों को गैंगस्टर नहीं बनना चाहता है और न ही कोई बच्चा गैंगस्टर बना चाहता है. लॉरेंस बिश्नोई के पिता के पास 110 एकड़ ज़मीन है. उनका परिवार अच्छा है. लॉरेंस की पढ़ाई अबोहर के एक कॉन्वेंट स्कूल से हुई और उसके बाद वह चंडीगढ़ में चला गया. जहां छात्र संग के चुनावों के बाद उस पर मामले दर्ज हुए. जिसके बाद एक के बाद एक मामले लॉरेंस बिश्नोई पर दर्ज किए गए. उन्होंने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई परिवार से बोला था कि वह माता वैष्णो देवी जा रहा है लेकिन उसके बाद वह नहीं आया. उन्होंने कहा कि आज मीडिया में लॉरेंस बिश्नोई के पिता को पुलिस वाला बताया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं था. लॉरेंस के पिता एक किसान हैं और उनके पास बड़ी जमीन है.