MP की इस लोकसभा सीट पर चलेगा महिला फैक्टर का जादू

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बालाघाट. मध्य प्रदेश की बालाघाट सिवनी संसदीय लोकसभा सीट पर इस लोकसभा चुनाव में महिला फैक्टर का जादू चलता हुआ नजर आ रहा है. बालाघाट लोकसभा सीट पर बालाघाट जिले की 6 विधानसभा और सिवनी की 2 विधानसभा सीटें शामिल हैं. यह लोकसभा क्षेत्र संभवत देश में पहला ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां महिलाओं का अनुपात पुरुषों की अपेक्षा अधिक है. इस संसीदय क्षेत्र में जहां पुरुष मतदाता 929434 हैं, तो वहीं महिला मतदाता की संख्या 941821 हैं. इस तरह लिंगानुपात की बात करें तो 1000 पुरुषों में 1014 महिलाओं का औसतन अनुपात है. महिला मतदाताओ की संख्या अधिक होने की वजह से राजनीतिक पार्टियां भी महिला उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारने की फिराक में हैं.

बीजेपी ने इन सभी आकड़ों को देखते हुए भारती पारधी को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाकर चुनाव में उतार दिया है. पार्टी के मौजूदा सांसद ढालसिंह बिसेन ने भी महिला प्रत्याशी को टिकट देने का स्वागत किया है. सांसद बिसेन ने बताया कि पार्टी ने पूरे प्रदेश में कई सीटों पर महिला प्रत्याशी को टिकट दी है. इसमें बालाघाट सिवनी सीट भी शामिल है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की एक योजना नारी वंदन योजना भी है. इसीको ध्यान में रख कर महिला प्रत्याशी को क्षेत्र से टिकट दिया गया है. बीजेपी प्रत्याशी भारती पारधी ने भी टिकट मिलने पर संगठन को धन्यवाद दिया है. साथ ही, उन्होंने महिलाओ के मुद्दों पर जोर देने की बात कही है.

महिला को टिकट देने का ये है फायदा
गौरतलब है कि महिला प्रत्याशी को पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद संसदीय क्षेत्र की महिला मतदाताओं में उत्साह है. महिला मतदाताओं का कहना है कि महिला प्रत्याशी होने से चुनाव में महिला फैक्टर का असर पड़ेगा. दरअसल सिवनी बालाघाट लोकसभा सीट से बीजेपी द्वारा पहली बार किसी महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है. अभी तक इस क्षेत्र से कोई महिला सांसद चुन कर नहीं आई है. महिला मतदाताओं का कहना है कि यदि महिला सांसद क्षेत्र से चुन कर आती है तो वह महिलाओं की बात को संसद में बेहतर ढंग से रखेगी. महिला सशक्तिकरण, महिला स्वास्थ्य, महिलाओं के रोजगार की बात बेहतर ढंग से रखेगी.

इस समाज का खासा असर
बालाघाट-सिवनी क्षेत्र में चुनाव लोकसभा का हो या विधानसभा का, यहां जातिगत समीकरण अहम किरदार निभाता है. इस क्षेत्र में पंवार समाज (ओबीसी) चुनावी नतीजों को बदलने या पलटने में अहम भूमिका निभाता है. इस संसदीय क्षेत्र में 1952 से 2019 में कुल 11 सांसद चुनकर आए हैं. इनमें सात सांसद पंवार समाज से हैं. पंवार समाज को साधने के लिए भाजपा अक्सर इसी जाति के उम्मीददार को चुनावी मैदान में उतारती है. भाजपा के चार सांसद पंवार समाज से तो कांग्रेस के दो सांसद इसी जाति के रहे हैं. परिसीमन के बाद संसदीय क्षेत्र में सिवनी और बरघाट के शामिल होने के बाद पंवार समाज का दबदबा और बढ़ गया. हालांकि पंवार समाज के बाद दूसरे पायदान पर आदिवासी मतदाता, फिर लोधी, मरार और अन्य समाज के मतदाता हैं, जो चुनावी नतीजों पर असर डालने का दम रखते हैं.

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