Lok Sabha Chunav: MP में कितने युवा नहीं कर पाएंगे मतदान ? जानें क्या है वजह?

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भोपाल. लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट करने वाले युवाओं की भूमिका बेहद अहम् है. मध्य प्रदेश में भी सभी सियासी दल चाहते हैं कि पहली बार वोट करने वाले युवाओं का मत उन्हें ही मिले. लेकिन चुनौती ऐसे वोटरों को पोलिंग बूथों तक पहुंचाने की है. क्योंकि, प्रदेश के लाखों युवा इस लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे. ये युवा कोचिंग करने, परीक्षाओं की तैयारी करने और रोजगार की वजह से अपने पोलिंग बूथ से काफी दूर हैं. बता दें, लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण यानी 7 मई को तीसरे चरण में मुरैना, भिण्ड (अजा), ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ और बैतूल (अजजा) संसदीय क्षेत्र में मतदान होंगे.

गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश में 22 लाख से ज्यादा युवा फर्स्ट टाइम वोटर हैं. इनमें से करीब 6 लाख युवा पढ़ाई करने, प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारी करने और रोजगार के लिए बाहर हैं. इंदौर में 1 लाख से ज्यादा युवा दूसरे शहरों से आकर कोचिंग और शिक्षा हासिल कर रहे हैं. राजधानी भोपाल में बाहर से आकर कोचिंग-पढ़ाई या काम करने वाले युवाओं की संख्या 1 लाख से ज्यादा है. जबलपुर और ग्वालियर में लगभग इतने ही युवा दूसरे शहरों से आकर शिक्षा हासिल कर रहे हैं. दूसरे राज्यों में जाकर काम करने या शिक्षा हासिल करने वाले युवाओं का आंकड़ा जोड़ेंगे तो फर्स्ट टाइम वोटर की ये संख्या और बड़ी होगी.

युवी वोट करने जरूर आएं, हम लगातार प्रचार कर रहे हैं- निर्वाचन आयोग
निर्वाचन आयुक्त अनुपम राजन का कहना है कि पहली बार जिन युवाओं ने अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाया है, उनके बीच हम अलग-अलग माध्यम से लगातार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. हम लोगों को अवेयर कर रहे हैं. कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं से भी संवाद साधा गया है. अपील की गई है कि मतदान के दिन अपने मत का प्रयोग जरूर करें. आज के दौर में बड़ी संख्या में युवा अलग-अलग शहरों में बाहर पढ़ने जाते हैं. कई लोग मजदूरी करने भी अलग-अलग शहरों में जाते हैं. हम सभी से अपील करते हैं कि वोट डालने अपने घर, अपने पोलिंग बूथ जरूर आएं.

रोजगार नहीं होगा तो युवा पलायन करेगा ही- कांग्रेस
इधर, पहली बार वोट डालने वाले युवाओं पर सियासी दलों की अपनी-अपनी राय है. कांग्रेस नेता केके मिश्रा कहते हैं कि युवा का सपना होता है कि उसकी योग्यता के अनुसार उसे रोजगार मिले. युवाओं की सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी है. दुर्भाग्य से अभी कोई भी पार्टी बेरोजगारी और महंगाई पर बात नहीं कर रही. हम इंसान की संवेदनाओं को कुरेदने की कोशिश कर रहे हैं कि वोटो की फसल कैसे काटें? लेकिन जब नौजवान को नौकरी की आशा नजर नहीं आएगी तो वह इस लोकतंत्र के उत्सव से भी पलायन करेगा. जो भी सरकार बने उसे नौजवानों के सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करना चाहिए. लोकसभा के दोनों चरणों में लगभग 10 प्रतिशत वोट कम हुआ है, उसमें युवाओं की बड़ी भूमिका है. अगर किसी की जिंदगी में अंधेरा है, सपने पूरे होते नहीं दिखाई दे रहे, तो वह पलायन वादी होगा ही चाहे वह लोकतंत्र के प्रति हो, देश के प्रति हो या परिवार के प्रति.

युवाओं को मिल रहा योजनाओं का फायदा- बीजेपी
इधर पहली बार वोट करने वाले युवाओं को लेकर बीजेपी के अपने दावे हैं. बीजेपी के प्रवक्ता सतेंद्र जैन का कहना है कि उसका कहना है कि फर्स्ट टाइम वोटर का पहला मत बीजेपी को मिलने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के लिए कई योजनाएं दी हैं. इन योजनाओं का उन्हें फायदा मिल रहा है. 2047 में जब विकसित भारत संकल्प पूरा होगा, तब सबसे ज्यादा फायदा फर्स्ट टाइम वोटर को मिलेगा और पहली बार वोट करने वाला युवा पीएम मोदी को वोट करने के लिए लालायित है.

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